US India Donkey Route: अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीय नागरिकों के एक समूह को लेकर अमेरिकी वायु सेना का एक विमान बुधवार को पंजाब के अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा। जानकारी के अनुसार, अमेरिका का एक सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर बुधवार दोपहर यहां श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। इन निर्वासित नागरिकों में अधिकांश पंजाब, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्यों से संबंधित हैं। जानकारी के अनुसार, गुजरात के 33, पंजाब के 30, यूपी के तीन, हरियाणा के 33, चंडीगढ़ के दो और महाराष्ट्र के तीन लोग विमान में सवार हैं। यह कदम अमेरिकी सरकार के सख्त आव्रजन और सीमा कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन का हिस्सा है।
अमेरिकी दूतावास का बयान
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका अपने सीमा सुरक्षा और आव्रजन कानूनों को सख्ती से लागू कर रहा है। उन्होंने कहा, अवैध प्रवास जोखिम के लायक नहीं है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे कानूनों का उल्लंघन करने वालों को आवश्यक कार्रवाई का सामना करना पड़े। हालांकि प्रवक्ता ने निर्वासन उड़ान के विशिष्ट विवरण साझा करने से इनकार किया, पर उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका अवैध प्रवासियों के खिलाफ अपनी नीति पर कायम है।
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विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
नई दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हम अवैध अप्रवास के खिलाफ हैं, खासकर क्योंकि यह संगठित अपराध के कई रूपों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ऐसे नागरिकों की वापसी की सुविधा प्रदान करेगा जो उचित दस्तावेजों के बिना विदेशी धरती पर रह रहे हैं।
उन्होंने कहा, अगर कोई भारतीय नागरिक अमेरिका या किसी अन्य देश में अवैध रूप से रह रहा है और उसके पास अपने भारतीय नागरिक होने के दस्तावेज हैं, तो हम उसकी राष्ट्रीयता की पुष्टि कर उसे भारत वापस लाने में मदद करेंगे। यह बयान भारत सरकार की नीति को दर्शाता है कि वह अपने नागरिकों के प्रति जिम्मेदार है, चाहे वे दुनिया के किसी भी हिस्से में हों।
चौंकाने वाला और शर्मनाक!
यह मुद्दा अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, चौंकाने वाला और शर्मनाक! जिस तरह से अमेरिका भारतीयों को निर्वासित कर रहा है (अपराधियों की तरह जंजीरों में जकड़ा हुआ) वह अमानवीय और अस्वीकार्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं? स्वाभिमान कहाँ है?” टैगोर ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से भी तुरंत कार्रवाई करने की मांग की।
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा नेताओं ने पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि अमेरिका में लागू कानूनों का सम्मान करना आवश्यक है और भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय की सक्रियता इसका प्रमाण है।
अमेरिका में आव्रजन नीति का असर
इस बीच, सीबीएस न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) एजेंसी हिरासत केंद्रों में भीड़भाड़ के चलते कुछ प्रवासियों को रिहा कर रही है। ट्रंप प्रशासन के दौरान गिरफ्तारियों में वृद्धि के कारण ये केंद्र 109% क्षमता पर काम कर रहे हैं, जिसमें करीब 42,000 प्रवासी बंदी रखे गए हैं। यह स्थिति बताती है कि अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों को अब कड़ी निगरानी और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।
अवैध प्रवास के खतरों पर विशेषज्ञों की राय
प्रवास विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध प्रवास न केवल कानूनी जोखिम लाता है बल्कि यह मानव तस्करी और शोषण जैसे गंभीर अपराधों से भी जुड़ा होता है। ‘डंकी रूट’ जैसे खतरनाक मार्गों से यात्रा करने वाले प्रवासी अक्सर जान जोखिम में डालते हैं और कई बार इन रास्तों में अपनी जान गंवा बैठते हैं।
भविष्य में भारत में साथ होगी नई चुनौतियों
अमेरिका से लौटाए गए इन नागरिकों का भविष्य अब भारत में नई चुनौतियों के साथ शुरू होगा। यह घटना एक स्पष्ट संदेश देती है कि अवैध प्रवास न केवल कानूनी जोखिम का कारण बनता है बल्कि इससे व्यक्तिगत गरिमा और सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। भारत और अमेरिका दोनों ही देशों की सरकारें इस विषय पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं, जिससे भविष्य में ऐसे मामलों में और कमी आने की उम्मीद है।
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