20.1 C
New Delhi
Tuesday, October 14, 2025
Homeदेशसोनम वांगचुक की पत्नी ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, बिना शर्त...

सोनम वांगचुक की पत्नी ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, बिना शर्त रिहाई की अपील

Sonam Wangchuk: लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता और नेता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सोनम की रिहाई की मांग करते हुए उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

Sonam Wangchuk: लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। उनकी पत्नी डॉ. गीतांजलि जे. अंगमो ने पति की बिना शर्त रिहाई के लिए हैबियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दाखिल की है। याचिका 2 अक्टूबर को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई, जिसमें गिरफ्तारी को गैरकानूनी और एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है। गीतांजलि ने अदालत से तत्काल सुनवाई की मांग की है, ताकि सोनम की हिरासत के आधारों का खुलासा हो और उनकी रिहाई सुनिश्चित की जा सके।

Sonam Wangchuk: हिंसा के बाद हुई थी गिरफ्तारी

यह विवाद लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में 24 सितंबर को हुई हिंसक घटना से जुड़ा है। लेह में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, छठी अनुसूची में शामिल करने, स्थानीय नौकरियों में आरक्षण और पर्यावरण संरक्षण की मांगों को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। सोनम वांगचुक 10 सितंबर से अनशन पर थे, जो 15 दिनों तक चला। प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और करीब 90 लोग घायल हुए। भीड़ ने सरकारी भवनों, वाहनों और संस्थानों पर हमला किया। केंद्र सरकार ने सोनम को हिंसा भड़काने का जिम्मेदार ठहराया, उनके भाषणों को ‘उत्तेजक’ बताते हुए अरब स्प्रिंग और नेपाल की आंदोलनों का जिक्र किया।

Sonam Wangchuk: एनएसए के तहत हिरासत, जोधपुर जेल में बंद

26 सितंबर को सोनम वांगचुक को एनएसए के तहत गिरफ्तार किया गया। लेह प्रशासन ने उन्हें ‘राज्य सुरक्षा के लिए खतरा’ बताते हुए लेह जिले से बाहर स्थानांतरित कर दिया। उन्हें राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। एनएसए के तहत हिरासत दो साल तक हो सकती है, बिना मुकदमे के। इसके अलावा, उनकी एनजीओ ‘स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। सोनम ने गिरफ्तारी से पहले कहा था, मैं हिंसा का समर्थन नहीं करता। यह युवाओं की हताशा का परिणाम है। विपक्षी दल जैसे सीपीआई(एम-एल) लिबरेशन ने इसे ‘विच हंट’ करार दिया।

Sonam Wangchuk: पत्नी का भावुक पत्र राष्ट्रपति को, स्वास्थ्य चिंता

गीतांजलि ने 1 अक्टूबर (बुधवार) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक भावुक तीन पेज का पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा, पिछले चार सालों से सोनम लद्दाख के हितों के लिए लड़ रहे हैं। उन्हें बदनाम किया जा रहा है, जबकि वे कभी किसी के लिए खतरा नहीं बन सकते। उन्होंने पति के स्वास्थ्य पर चिंता जताई: मुझे पता नहीं कि सोनम किस हालत में हैं। कोई संपर्क नहीं हो पा रहा।” पत्र में लद्दाख की पारिस्थितिक संवेदनशीलता पर जोर देते हुए कहा गया कि अनियंत्रित विकास (जैसे उत्तराखंड, हिमाचल की घटनाओं से सबक) के खिलाफ लड़ना अपराध नहीं होना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की अपील की, सोनम को बिना शर्त रिहा करें, जो देश और लद्दाख की सेवा के लिए समर्पित हैं।

याचिका में आरोप: प्रक्रिया का उल्लंघन, कोई आधार नहीं

सुप्रीम कोर्ट याचिका में गीतांजलि ने कहा कि गिरफ्तारी के एक हफ्ते बाद भी आधारों का खुलासा नहीं हुआ। एनएसए के तहत 24 घंटे में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने और परिवार को सूचित करने का नियम तोड़ा गया। उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र पर हमला है। सोनम जैसे शांतिपूर्ण कार्यकर्ता को दबाया जा रहा है।” याचिका में तत्काल रिहाई, हिरासत के आधारों का खुलासा और स्वास्थ्य जांच की मांग की गई। सोमवार को सुनवाई की संभावना है।

प्रशासन की कार्रवाई: मजिस्ट्रेट जांच, स्थानीय असंतोष

लद्दाख प्रशासन ने चार मौतों की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन स्थानीय लोग न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं। लेह में मोबाइल इंटरनेट निलंबित है। सोनम की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली में आम आदमी पार्टी समर्थकों ने कैंडल लाइट विगिल आयोजित की। विशेषज्ञों का कहना है कि 2019 में आर्टिकल 370 हटने के बाद लद्दाख में स्वायत्तता की मांग बढ़ी है, जो अब राज्यhood की ओर मुड़ गई।

यह भी पढ़ें :-

दीवाली से पहले किसानों को मोदी सरकार का तोहफा, 6 रबी फसलों की MSP में बढ़ोतरी

- Advertisement - Advertisement - Yatra Swaaha
RELATED ARTICLES
New Delhi
mist
20.1 ° C
20.1 °
20.1 °
94 %
1kmh
0 %
Tue
33 °
Wed
33 °
Thu
33 °
Fri
34 °
Sat
34 °

Most Popular