Shubhanshu Shukla: भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्री मंगलवार को 20 दिन बाद अंतरिक्ष से सकुशल धरती पर लौट आए। स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने 23 घंटे लंबे सफर के बाद कैलिफोर्निया के तट के पास प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक लैंडिंग की। इस दौरान समुद्र में उतरी ड्रैगन कैप्सूल की रफ्तार धीरे-धीरे नियंत्रित कर पैराशूट सिस्टम से सुरक्षित स्प्लैशडाउन किया गया।
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Shubhanshu Shukla: पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक क्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु शुक्ला की वापसी पर खुशी जताते हुए इसे भारत के अंतरिक्ष मिशन के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट आए हैं। उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने गगनयान मिशन की दिशा में एक और मील का पत्थर है।
Shubhanshu Shukla: अंतरिक्ष में 20 दिनों में 310 बार पृथ्वी की परिक्रमा
शुभांशु शुक्ला, अमेरिका की पेगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंचे थे। मिशन के दौरान शुक्ला ने 310 बार पृथ्वी की परिक्रमा की और करीब 1.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की, जो पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से 33 गुना अधिक है।
Shubhanshu Shukla: ISS पर 300 से अधिक सूर्योदय और सूर्यास्त देखे
ISS की तेज परिक्रमा की वजह से मिशन के दौरान क्रू ने 300 से अधिक बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखे। यह अनुभव उनके जीवन का ऐतिहासिक हिस्सा बन गया।
डी-ऑर्बिट बर्न और ब्लैकआउट पीरियड
धरती पर वापसी के दौरान 18 मिनट का डी-ऑर्बिट बर्न किया गया, जिसके बाद यान ने वायुमंडल में प्रवेश किया। इस दौरान करीब सात मिनट तक यान से संपर्क टूट गया, जिसे ब्लैकआउट पीरियड कहा जाता है। तेज गति और घर्षण से उत्पन्न 1,600 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी के बावजूद ड्रैगन यान ने सफल वापसी की।
कैलिफोर्निया तट पर दूसरी बार इंसानी मिशन की लैंडिंग
स्पेसएक्स ने जानकारी दी कि अप्रैल में एफआरसीएम-2 मिशन के तहत पहली बार ड्रैगन यान को कैलिफोर्निया तट पर उतारा गया था। यह दूसरा मौका था जब इंसानों को लेकर ड्रैगन यान कैलिफोर्निया तट पर सफलतापूर्वक उतरा। इससे पहले स्पेसएक्स की ज्यादातर लैंडिंग अटलांटिक महासागर में होती थीं।
भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने शुभांशु शुक्ला
शुभांशु शुक्ला, राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने। राकेश शर्मा ने 1984 में अंतरिक्ष यात्रा की थी। इस मिशन के बाद भारत ने मानव अंतरिक्ष मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम और आगे बढ़ाया है।
इसरो ने शुक्ला के वैज्ञानिक प्रयोगों को बताया बड़ी उपलब्धि
इसरो ने सोमवार को बताया कि शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में सभी सात सूक्ष्म-गुरुत्व प्रयोग और अन्य नियोजित वैज्ञानिक गतिविधियाँ सफलतापूर्वक पूरी कीं। इसे मिशन की एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि बताया गया है, जो भविष्य में भारतीय मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान में मददगार साबित होगी।
स्पेसएक्स ने कहा, ‘पृथ्वी पर आपका स्वागत है’
स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया पर लिखा, ड्रैगन के सुरक्षित उतरने की पुष्टि हो गई है। एस्ट्रोपैगी, शक्स, एस्ट्रो_स्लावोज़ और टिबी, पृथ्वी पर आपका स्वागत है!
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