SCO Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के मौके पर तियानजिन, चीन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक प्रगति की समीक्षा की और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक से संबंधित तस्वीर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा, ‘एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सार्थक बैठक हुई। हमने कजान में पिछली बैठक के बाद भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक प्रगति की समीक्षा की। हमने सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर सहमति जताई और पारस्परिक सम्मान, हित और संवेदनशीलता के आधार पर सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।’
Table of Contents
SCO Summit 2025: पिछली बैठक का जिक्र और सकारात्मक प्रगति
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी इस मुलाकात की तस्वीर एक्स पर साझा कर बैठक में उठाए गए मुद्दों की जानकारी दी। उनके अनुसार, दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में हुई अपनी पिछली बैठक के बाद से भारत-चीन संबंधों में आई स्थिरता और सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि विकास साझेदार हैं। उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि मतभेदों को विवाद का रूप नहीं लेना चाहिए।
SCO Summit 2025: आपसी सम्मान और सहयोग पर जोर
बैठक में दोनों नेताओं ने इस बात पर बल दिया कि भारत और चीन के 2.8 अरब लोगों के बीच आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित स्थिर संबंध और सहयोग न केवल दोनों देशों के विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह 21वीं सदी के रुझानों के अनुरूप एक बहुध्रुवीय विश्व और बहुध्रुवीय एशिया के निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान यह भी कहा कि भारत और चीन दोनों ही रणनीतिक स्वायत्तता का पालन करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के संबंधों को किसी तीसरे देश के दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए। यह बयान वैश्विक भू-राजनीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां भारत और चीन अपने स्वतंत्र विदेश नीति दृष्टिकोण को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
SCO Summit 2025: आतंकवाद और निष्पक्ष व्यापार पर सहमति
दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की। उन्होंने आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने और निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देने पर जोर दिया। यह व्यापार द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर हो सकता है। दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि वैश्विक मंचों पर एकजुट होकर काम करने से दोनों देशों के हितों को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्रीय स्थिरता को बल मिलेगा।
सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति की प्रतिबद्धता
सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को देखते हुए यह सहमति एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर शांति बनाए रखने से न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए भी लाभकारी होगा।
वैश्विक मंचों पर भारत-चीन सहयोग
एससीओ शिखर सम्मेलन जैसे मंच भारत और चीन को क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग करने का अवसर प्रदान करते हैं। इस बैठक में दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और चीन को वैश्विक मंचों पर एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि वैश्विक चुनौतियों का समाधान किया जा सके। आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहयोग से वैश्विक समुदाय को लाभ हो सकता है।
यह भी पढ़ें:-
क्या है दारुमा गुड़िया? जापान यात्रा पर पीएम मोदी को मिला खास गिफ्ट, भारत से भी है खास कनेक्शन