Sabarimala Gold Theft Case: केरल के सबरीमाला अयप्पा मंदिर से सोने की चोरी का सनसनीखेज मामला एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। विशेष जांच दल (SIT) ने गुरुवार को मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को गिरफ्तार कर लिया। पोट्टी, जो एक पूर्व पुजारी से व्यवसायी बने हैं, को राज्य राजधानी के अपराध शाखा कार्यालय में 10 घंटे से अधिक पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया। यह गिरफ्तारी द्वारपालक (संरक्षक देवता) मूर्तियों और श्रीकोविल के कट्टिलापड्डी (दहलीज) से लगभग 475 ग्राम सोने की तस्करी के मामले में पहली बड़ी सफलता है। केरल हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित SIT ने दो अलग-अलग FIR दर्ज की हैं, जिनमें पोट्टी को मुख्य आरोपी बनाया गया है। जांच में त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। हाईकोर्ट ने SIT को छह सप्ताह में जांच पूरी करने का आदेश दिया है।
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Sabarimala Gold Theft Case: गिरफ्तारी और पूछताछ का विवरण
SIT के नेतृत्वकर्ता एसपी शशिधरन की अगुवाई वाली टीम ने पोट्टी को तिरुवनंतपुरम के पुलिमठ स्थित उनके निवास से गुरुवार दोपहर हिरासत में लिया। पूछताछ अर कैंप, पठानमथिट्टा में चली, जहां अपराध शाखा एडीजीपी एच वेंकटेश की निगरानी में बयान दर्ज किए गए। लगभग 2:30 बजे रात में गिरफ्तारी दर्ज की गई, उसके बाद पोट्टी को जनरल हॉस्पिटल में मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया। शुक्रवार को उन्हें रन्नी कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां SIT रिमांड की मांग करेगी। पोट्टी के परिवार ने हिरासत प्रक्रिया पर सवाल उठाए, लेकिन मीडिया के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने विवरण साझा किए। पोट्टी ने 2010 के दशक में TDB द्वारा नियुक्त पुजारी के सहायक के रूप में काम किया था। सितंबर में उन्होंने खुद ही दान की गई दो तांबे-सोने की परतों के लापता होने का दावा किया था, जो जांच का ट्रिगर बना।
Sabarimala Gold Theft Case: नवीनीकरण के बहाने सोने का गबन
जांचकर्ताओं के अनुसार, चोरी का अनुमानित मूल्य 475 ग्राम सोना (लगभग 56 सोवरेन) है, जो श्रद्धालुओं के चढ़ावे से नहीं, बल्कि बेंगलुरु और मुंबई से लाया गया था। पोट्टी ने मंदिर नवीनीकरण के बहाने इस सोने को हासिल किया। केवल तीन ग्राम सोने का ही चढ़ाने में उपयोग हुआ, बाकी का गबन कर लिया गया। उन्होंने बेंगलुरु के दो व्यक्तियों से भी इसी कार्य के लिए पैसे एकत्र किए। सतर्कता रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 2019 में सोने की परत चढ़ाने के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ। TDB की सतर्कता विंग ने पोट्टी से दो दिनों तक पूछताछ की थी। SIT ने चेन्नई की स्मार्ट क्रिएशंस फर्म से भी जानकारी जुटाई, जो इलेक्ट्रोप्लेटिंग का काम कर रही थी। फर्म के रिकॉर्ड गायब होने के संकेत मिले हैं।
Sabarimala Gold Theft Case: SIT द्वारा दर्ज FIR और आरोपी
SIT ने 11 अक्टूबर को दो FIR दर्ज कीं। पहली द्वारपालक मूर्तियों की सोने की परत चोरी से संबंधित है, दूसरी श्रीकोविल के दरवाजे के फ्रेम और लिंटल से। दोनों में 10 आरोपी नामित हैं, जिसमें पोट्टी मुख्य है। एक FIR में TDB को आठवां आरोपी बनाया गया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PCA) के तहत भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा सकते हैं। अन्य आरोपी में चेन्नई के कल्पेश और नागेश (जो फरार हैं) शामिल हैं। SIT ने हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु का दौरा कर साक्ष्य जुटाए। गवाहों और आरोपी के बयान दर्ज हो रहे हैं।
2019 की घटना और अधिकारियों की लापरवाही
16 फरवरी 2019 को तत्कालीन सबरीमाला कार्यकारी अधिकारी ने गर्भगृह की स्वर्ण-चढ़ी तांबे की चादरों को पुनः सोने की परत चढ़ाने के लिए पोट्टी को सौंपने की सिफारिश की। लेकिन आयुक्त के पास पहुंचे प्रस्ताव में ‘सोने की परत’ वाला हिस्सा हटा दिया गया और केवल ‘तांबे की चादरें’ लिखा गया। आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और सहायक अभियंता पर गंभीर चूक का आरोप है। सतर्कता जांच में पाया गया कि परतें लौटाते समय 4.5 किलो का सोना कम हो गया था। पोट्टी की वित्तीय संदिग्ध गतिविधियां भी उजागर हुईं।
TDB अधिकारियों पर बढ़ता शक और बड़ी साजिश की आशंका
संदेह अब TDB के वरिष्ठ अधिकारियों तक फैल गया है। हाईकोर्ट ने बोर्ड अधिकारियों की गंभीर लापरवाही का उल्लेख किया है। जांच में मंदिर प्रशासन के अंदरूनी लोगों की संलिप्तता की पड़ताल हो रही है। एक रिपोर्ट में हैदराबाद के निवासी की भूमिका का जिक्र है। SIT सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है, जिसमें सोने की तस्करी का नेटवर्क शामिल है। हाईकोर्ट ने TDB को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बरती जाए।
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