PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पालघर में वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी। पालघर जिले के दहानू शहर के पास स्थित वधवन भारत के सबसे बड़े गहरे पानी के बंदरगाहों में से एक होगा। 76,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली वधवन परियोजना का उद्देश्य एक अत्याधुनिक समुद्री प्रवेश द्वार बनाना है, जिससे भारत की व्यापार क्षमताओं में वृद्धि होने की उम्मीद है।
मत्स्य पालन परियोजनाओं का भी उद्घाटन
बंदरगाह के अलावा, पीएम मोदी ने करीब 1,560 करोड़ रुपये की लागत वाली 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य देश भर में मत्स्य पालन क्षेत्र के बुनियादी ढांचे और उत्पादकता को उन्नत करना है। इन पहलों से पांच लाख से अधिक रोज़गार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
76 हजार करोड़ की वधावन बंदरगाह परियोजना
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इन विकास परियोजनाओं को विकसित महाराष्ट्र के लिए एक ऐतिहासिक प्रयास के रूप में याद किया जाएगा। यह भारत की विकास यात्रा के लिए एक बहुत बड़ा दिन है। विकसित महाराष्ट्र विकसित भारत के संकल्प का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए पिछले 10 साल हों या फिर मेरी सरकार का तीसरा कार्यकाल, महाराष्ट्र के लिए लगातार बड़े फैसले लिए गए हैं। महाराष्ट्र के पास विकास के लिए जरूरी ताकत और संसाधन हैं। आज वधावन पोर्ट की आधारशिला रखी गई है और इस पर 76,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट होगा।
पीएम ने सिंधुदुर्ग हादसे का किया जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा के गिरने का जिक्र किया और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए माफी मांगी। पीएम मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं… आज मैं अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से सिर झुकाकर माफी मांगता हूं। हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो मां भारती के महान सपूत, इस धरती के सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहें और उनका अपमान करते रहें। वे माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालतों में जाकर लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने मराठा राजा के अनुयायियों और छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना आराध्य देव मानने वालों से भी माफ़ी मांगी।
‘मैं सिर झुकाकर उनसे माफ़ी मांगता हूं’
पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना आराध्य देव मानते हैं, मैं सिर झुकाकर उनसे माफ़ी मांगता हूं, जिन्हें इस आराध्य देव ने गहरी ठेस पहुंचाई है। मैं सिर झुकाकर उनसे माफ़ी मांगता हूं, जिन्हें इस आराध्य देव ने गहरी ठेस पहुंचाई है। मेरे मूल्य अलग हैं। मेरे लिए मेरे आराध्य देव से बढ़कर कुछ नहीं है।
‘वधावन बंदरगाह से बदलेगा क्षेत्र का नक्शा’
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर संतोष पाटिल ने कहा, वधावन बंदरगाह बनने के बाद यह क्षेत्र दूसरी मुंबई बन जाएगा। हमारे क्षेत्र में बड़ी संख्या में आदिवासी रहते हैं। यह बहुत पिछड़ा हुआ क्षेत्र है। लेकिन अब यहां रोजगार पैदा होगा। पीएम मोदी ने कहा है कि यहां 12 लाख लोगों को नौकरी मिलेगी।