Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों की चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी है। सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह सख्त कदम उठाया है। इस निर्णय के बाद चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कर चुके 77 पाकिस्तानी हिंदू श्रद्धालु अब इस वर्ष यात्रा में शामिल नहीं हो सकेंगे।
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Pahalgam Attack: पाक 77 श्रद्धालुओं ने कराया रजिस्ट्रेशन
चारधाम यात्रा को लेकर देशभर में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। अब तक 21 लाख से अधिक श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा चुके हैं। इस बार यात्रा में भाग लेने के लिए 100 से अधिक देशों के 24,729 विदेशी श्रद्धालुओं ने भी नाम दर्ज कराया है। खास बात यह है कि पाकिस्तान से भी 77 श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया था।
Pahalgam Attack: मोदी सरकार ने इसलिए उठाया ये कदम
लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिहाज से त्वरित निर्णय लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को यात्रा की अनुमति नहीं देने का फैसला किया। सरकार का कहना है कि यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम
प्रशासन ने पाकिस्तानी श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं और उन्हें जल्द से जल्द उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं अन्य विदेशी श्रद्धालुओं और भारतीय यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं। राज्य सरकार ने यात्रा मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है।
30 अप्रैल से शुरू होगी चारधाम यात्रा
गौरतलब है कि उत्तराखंड में 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा की शुरुआत होने जा रही है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। खासतौर पर केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं 2 मई से शुरू होंगी। प्रशासन यात्रा के सफल और सुरक्षित आयोजन के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है।
हर साल जाते हैं लाखों श्रद्धालु
हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा में शामिल होते हैं और इस बार भी भारी भीड़ की संभावना है। सरकार ने साफ कर दिया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी प्रकार का जोखिम उठाना स्वीकार्य नहीं है। पहलगाम हमले के बाद उठाए गए इस कदम को इसी दिशा में एक एहतियाती प्रयास माना जा रहा है।
कुपवाड़ा में सामाजिक कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में शनिवार शाम अज्ञात बंदूकधारियों ने एक सामाजिक कार्यकर्ता गुलाम रसूल मगरे (45) की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना कांडीखास इलाके में उनके घर के पास हुई। गुलाम रसूल के पेट और बाईं कलाई में गोली लगी थी। उन्हें गंभीर हालत में हंदवाड़ा अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान रविवार को उनकी मौत हो गई। पुलिस ने हत्या के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है।
Pahalgam Attack: 10 आतंकवादियों के घर ध्वस्त
इस बीच, सुरक्षा बलों ने आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। बांदीपोरा जिले के चोटीपोरा गांव में एक आतंकी के घर को ध्वस्त कर दिया गया। हाल के दिनों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और द रेजिस्टेंस फ्रंट से जुड़े आतंकियों के 10 घरों को ध्वस्त किया गया है।
Pahalgam Attack: आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई तेज
अधिकारियों के अनुसार, ये कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी तंत्र को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से की जा रही है। 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में हुए आतंकी हमले के बाद अब तक 175 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा चुकी है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी।
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