Operation Sindoor: भारत के लिए राहत की खबर सामने आई है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पूर्णम कुमार शॉ को पाकिस्तान ने करीब तीन हफ्ते बाद रिहा कर दिया है। वे बुधवार, 14 मई 2025 को अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत लौट आए। बीएसएफ ने उनके सुरक्षित लौटने की पुष्टि की है। 23 अप्रैल को वे गलती से पाकिस्तानी सीमा में चले गए थे और तभी से पाकिस्तानी रेंजर्स की हिरासत में थे।
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Operation Sindoor: गलती से पार की सीमा
23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर जिले के ममदोट क्षेत्र के पास गेट नंबर 208/1 पर जवान पूर्णम कुमार शॉ गेहूं की कटाई के समय किसानों की निगरानी कर रहे थे। तेज़ गर्मी और धूप से परेशान होकर वे एक पेड़ की छांव में बैठ गए, जो दुर्भाग्य से जीरो लाइन पार करके पाकिस्तानी सीमा के अंतर्गत आता था। वहीं पास में मौजूद एक पाकिस्तानी किसान ने उन्हें देख लिया और इसकी सूचना पाकिस्तानी रेंजर्स को दे दी।
Operation Sindoor: पाकिस्तानी हिरासत में रहा जवान
कुछ ही देर में पाकिस्तानी रेंजर्स मौके पर पहुंचे और जवान को हिरासत में ले लिया। शॉ की राइफल भी छीन ली गई और उन्हें कब्जे में ले जाकर अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। इस घटना के बाद बीएसएफ में हड़कंप मच गया और तत्काल उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई।
Operation Sindoor: डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद वापसी संभव
घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान से कूटनीतिक माध्यमों से संपर्क साधा। भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच बातचीत हुई, जिसमें शॉ की सुरक्षित वापसी पर सहमति बनी। इसके बाद 14 मई को उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत को सौंपा गया। बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि जवान की मेडिकल जांच करवाई गई है और प्राथमिक रूप से वह स्वस्थ हैं। मेडिकल चेकअप के बाद उन्हें परिवार के पास भेजा जाएगा।
पत्नी की अपील और इंतजार
पूर्णम कुमार शॉ की पत्नी रजनी शॉ, जो गर्भवती हैं, पति की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही अटारी-वाघा बॉर्डर पहुंच गई थीं। उन्होंने जवान की वापसी तक वहीं डटे रहने का फैसला किया था। बीएसएफ अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया कि शॉ सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द भारत वापस लाया जाएगा।
पति के लौटने के बाद रजनी ने कहा, जब हमें पता चला कि वे पाकिस्तानी सीमा में हैं, तो मैं बहुत डर गई थी। तनाव बढ़ता जा रहा था, लेकिन मुझे भारत सरकार और सेना पर पूरा भरोसा था। आज वो सकुशल लौट आए हैं, ये मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी है।
आतंकी हमले के ठीक बाद हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि पूर्णम शॉ को पाकिस्तान ने उस समय हिरासत में लिया था जब कश्मीर के पहलगाम में एक दिन पहले ही आतंकी हमला हुआ था। उस हमले में सुरक्षाबलों पर निशाना साधा गया था। ऐसे संवेदनशील समय में एक भारतीय जवान का पाकिस्तान के कब्जे में जाना दोनों देशों के बीच तनाव का कारण बन गया था। भारत ने कूटनीतिक चैनलों के जरिए इस मसले को शांतिपूर्वक सुलझाया। डीजीएमओ स्तर की बातचीत के सकारात्मक परिणामस्वरूप आखिरकार जवान को रिहा किया गया।
बीएसएफ की सतर्कता और प्रतिक्रिया
बीएसएफ ने इस घटना के बाद त्वरित कार्रवाई की। अधिकारियों ने सीमावर्ती क्षेत्र की निगरानी बढ़ा दी और जवान की स्थिति को लेकर लगातार पाकिस्तानी रेंजर्स से संपर्क बनाए रखा। जवान की गिरफ्तारी के बाद जल्लोके चेक पोस्ट पर उच्चस्तरीय बैठकें हुईं। बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमारे जवान की सुरक्षित वापसी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता थी। यह हमारे प्रयासों और दोनों पक्षों की बातचीत का परिणाम है।
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