Online Gaming Bill: भारत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग के हानिकारक प्रभावों से 45 करोड़ से अधिक लोगों को बचाने के लिए ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025’ को लोकसभा में बुधवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह विधेयक पेश किया, जो रियल मनी गेमिंग (RMG) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है, जबकि ई-स्पोर्ट्स और सामाजिक गेमिंग को बढ़ावा देता है। यह कदम समाज को वित्तीय, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक नुकसान से बचाने की दिशा में ऐतिहासिक माना जा रहा है।
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Online Gaming Bill: 45 करोड़ लोग हर साल गंवा रहे 20 हजार करोड़
रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन में कहा, ऑनलाइन गेमिंग में तीन सेगमेंट हैं: ई-स्पोर्ट्स, सोशल गेमिंग और मनी गेमिंग। यह बिल ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देगा, लेकिन मनी गेमिंग समाज के लिए हानिकारक है। उन्होंने बताया कि मनी गेमिंग के कारण लोग अपनी जिंदगीभर की कमाई गंवा रहे हैं, जिससे परिवार बर्बाद हो रहे हैं और आत्महत्याएं हो रही हैं। वैष्णव ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 31 महीनों में 32 आत्महत्याएं मनी गेमिंग से जुड़ी थीं। सरकार का अनुमान है कि हर साल 45 करोड़ लोग मनी गेमिंग में 20,000 करोड़ रुपये गंवाते हैं, जिससे वित्तीय संकट, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे खतरे बढ़ रहे हैं।
Online Gaming Bill: तीन साल की जेल, 1 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान
इस विधेयक में मनी गेमिंग सेवाएं प्रदान करने वालों के लिए तीन साल तक की जेल, 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है। विज्ञापन करने वालों को दो साल की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों, जो ऐसे लेनदेन को सुविधा देंगे, को भी तीन साल की जेल और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। बार-बार उल्लंघन पर 3 से 5 साल की जेल और भारी जुर्माना लगाया जाएगा। विशेष रूप से, गेम खेलने वाले यूजर्स को अपराधी नहीं, बल्कि पीड़ित माना गया है।
बिल में एक राष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान है, जो गेम्स का पंजीकरण, श्रेणीकरण, और शिकायत निवारण करेगा। यह प्राधिकरण यह तय करेगा कि कोई गेम मनी गेम की श्रेणी में आता है या नहीं, और दिशा-निर्देश व आचार संहिता जारी करेगा।
Online Gaming Bill: ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा
विधेयक ई-स्पोर्ट्स, शैक्षिक और सामाजिक गेम्स को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। वैष्णव ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी ने शिक्षा और मनोरंजन में नए अवसर खोले हैं, लेकिन इसका दुरुपयोग रोकना जरूरी है। यह बिल भारत को गेमिंग हब बनाने की दिशा में कदम उठाएगा, जिससे स्टार्टअप्स और स्किल-बेस्ड गेमिंग को प्रोत्साहन मिलेगा।
ऑनलाइन सट्टेबाजी पर लगेगी रोक
भारत का ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर वर्तमान में 32,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें 86% राजस्व मनी गेमिंग से आता है। विशेषज्ञों का अनुमान था कि 2029 तक यह 80,000 करोड़ तक पहुंच सकता है, लेकिन इस प्रतिबंध से उद्योग की वृद्धि पर असर पड़ सकता है। ड्रीम11, रमी सर्कल, और विंजो जैसी कंपनियों पर प्रतिबंध का खतरा मंडरा रहा है, जिससे 2 लाख नौकरियां और 25,000 करोड़ रुपये का निवेश खतरे में पड़ सकता है। उद्योग ने चिंता जताई है कि यह कदम वैध कारोबार को नुकसान पहुंचा सकता है और उपयोगकर्ताओं को अनियमित विदेशी प्लेटफॉर्म्स की ओर धकेल सकता है।
संसद में हंगामे के बीच पारित
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच यह बिल बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित हुआ। विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की, लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही स्थगित कर दी।
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