Nirav Modi: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के प्रमुख आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन की हाईकोर्ट से एक और करारा झटका लगा है। कोर्ट ने उसकी चौथी जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यूके हाईकोर्ट ने भारत सरकार और बचाव पक्ष की दलीलों और दस्तावेजों की समीक्षा के बाद यह फैसला सुनाया।
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Nirav Modi: 6,498.20 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
नीरव मोदी पर भारतीय बैंकों के साथ 6,498.20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। इस मामले में भारत सरकार की तरफ से लंबे समय से प्रत्यर्पण की मांग की जा रही है। ईडी ने बताया कि कोर्ट ने नीरव मोदी के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत मांगने के तर्क को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह माना कि उसके अपराध गंभीर प्रकृति के हैं और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में आरोपी को जमानत देना न्यायहित में नहीं होगा।
Nirav Modi: कोर्ट ने सबूतों की गहराई से समीक्षा की
नीरव मोदी की चौथी जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान भारत सरकार की तरफ से नियुक्त अभियोजक और ईडी ने कोर्ट को बताया कि नीरव मोदी ने भारत से अवैध तरीके से कमाए गए धन को शेल कंपनियों के माध्यम से विदेशों, खासकर ब्रिटेन तक पहुंचाया। साथ ही यह भी तर्क दिया गया कि अगर उसे जमानत दी गई, तो वह फरार हो सकता है और कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। कोर्ट ने इन दलीलों और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा प्रस्तुत लिखित सबूतों का गहन अध्ययन करते हुए स्पष्ट किया कि जमानत का कोई औचित्य नहीं बनता है।
लगातार खारिज हो रही हैं जमानत याचिकाएं
नीरव मोदी को 19 मार्च 2019 को स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने लंदन से गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी भारत की अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के आधार पर यूके सरकार को दिए गए अनुरोध के बाद हुई थी। तब से नीरव मोदी लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है।
गौरतलब है कि नीरव मोदी अब तक यूके की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में छह बार और यूके हाईकोर्ट में तीन बार जमानत के लिए याचिका दायर कर चुका है, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे हैं। चौथी बार उसने 21 मार्च 2025 को हाईकोर्ट के किंग्स बेंच डिवीजन में पिछली सुनवाई के आदेश को चुनौती दी थी। अब चौथी बार भी उसे कोर्ट से निराशा हाथ लगी है।
ईडी ने जब्त की 2,626.62 करोड़ की संपत्तियां
प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि उसने इस मामले में भारत और विदेशों में फैली नीरव मोदी की कुल 2,626.62 करोड़ रुपये की संपत्तियों का पता लगाया है और उन्हें जब्त कर लिया गया है। इनमें से कुछ संपत्तियां विभिन्न बैंकों को लौटाई भी जा चुकी हैं, ताकि बैंकिंग क्षेत्र को हुई आंशिक क्षति की भरपाई की जा सके।
ईडी ने यह मामला 14 फरवरी 2018 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) मुंबई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया था। जांच में यह सामने आया था कि नीरव मोदी और उसके सहयोगियों ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी LoU (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) के जरिए विदेशी बैंकों से कर्ज लेकर पीएनबी को भारी नुकसान पहुंचाया।
भारत सरकार कर रही प्रत्यर्पण की कोशिश
भारत सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि नीरव मोदी को यूके से भारत प्रत्यर्पित किया जाए, ताकि उसे भारतीय न्याय प्रणाली के तहत सजा दिलाई जा सके। प्रत्यर्पण प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है, लेकिन नीरव मोदी लगातार कानूनी अड़चनें खड़ी कर रहा है। वह कोर्ट में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को आधार बनाकर खुद को भारत भेजे जाने से रोकने की कोशिश कर रहा है।
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