Naxalite Encounter: झारखंड के गुमला जिले में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों और पुलिस के साथ मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए। इनमें झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के दो सब-जोनल कमांडर लालू लोहरा और छोटू उरांव शामिल हैं, जिन पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। तीसरा नक्सली सुजीत उरांव कैडर सदस्य था। यह मुठभेड़ बिशुनपुर थाना क्षेत्र के घने केचकी जंगल में हुई, जहां से एके-47 और अन्य हथियार बरामद हुए। सर्च ऑपरेशन जारी है, और यह घटना राज्य को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त बनाने के लक्ष्य को मजबूत करती है।
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Naxalite Encounter: केचकी जंगल में मुठभेड़
गुमला पुलिस ने मारे गए नक्सलियों की पहचान की पुष्टि की। लालू लोहरा लोहरदगा का निवासी था और जेजेएमपी का सब-जोनल कमांडर, जिसके पास से एके-47 राइफल बरामद हुई। छोटू उरांव लातेहार का रहने वाला था और वह भी संगठन का सब-जोनल कमांडर था। दोनों पर पांच-पांच लाख का इनाम था। सुजीत उरांव लोहरदगा का कैडर सदस्य था। मुठभेड़ सुबह करीब 5 बजे शुरू हुई, जब जॉइंट टीम ऑफ झारखंड जगुआर (एसटीएफ) और गुमला पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर सर्च ऑपरेशन चलाया।
Naxalite Encounter: जेजेएमपी के तीन नक्सली ढेर
पुलिस के अनुसार, नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर अचानक फायरिंग शुरू की, जिसके जवाब में गोलीबारी हुई। करीब एक घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद तीन शव बरामद हुए। मौके से एके-47 के अलावा दो इंसास राइफलें, ग्रेनेड और विस्फोटक सामग्री जब्त की गई। आईजी (ऑपरेशंस) माइकल एस राज ने कहा, यह ऑपरेशन जेजेएमपी के खिलाफ बड़ी सफलता है। सर्च जारी है, ताकि कोई अन्य नक्सली न छूटे। जेजेएमपी, जो सीपीआई (माओवादी) का स्प्लिटर ग्रुप है, घाघरा क्षेत्र में सक्रिय था।
Naxalite Encounter: सितंबर में चौथी मुठभेड़: 8 नक्सली मारे गए
यह सितंबर की चौथी नक्सली मुठभेड़ है, जिसमें कुल आठ नक्सली मारे गए। 15 सितंबर को हजारीबाग के गोरहर थाना क्षेत्र में एक करोड़ के इनामी सहदेव सोरन उर्फ प्रवेश, 25 लाख के रघुनाथ हेंब्रम और 10 लाख के वीर सेन गंझू ढेर हुए। 14 सितंबर को पलामू के मनातू जंगल में टीएसपीसी के मुखदेव यादव (5 लाख इनामी) मारा गया। 7 सितंबर को पश्चिमी सिंहभूम के गोइलकेरा में 10 लाख के अमित हांसदा उर्फ अपटन को मार गिराया गया।
Naxalite Encounter: इस साल में 32 की मौत
इस वर्ष अब तक 32 नक्सली मारे जा चुके हैं। सबसे बड़ी मुठभेड़ 21 अप्रैल को बोकारो के लुगु पहाड़ पर हुई, जहां एक करोड़ के प्रयाग मांझी उर्फ विवेक सहित आठ माओवादी ढेर हुए। झारखंड पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में औसतन हर महीने तीन नक्सली मुठभेड़ों में मारे जा रहे हैं। फिलहाल 100 से 150 माओवादी सक्रिय हैं। मोस्ट वांटेड सूची में भाकपा माओवादी के 13 बड़े नक्सली हैं, जिनमें मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी और असीम मंडल पर एक-एक करोड़ का इनाम है। अन्य में अनमोल, मोछु, अजय महतो, अगेन अंगरिया, अश्विन, पिंटू लोहरा, चंदन लोहरा, जयकांत और रापा मुंडा शामिल हैं।
नक्सल उन्मूलन अभियान: 2026 तक झारखंड नक्सल मुक्त
झारखंड पुलिस और केंद्रीय बल मार्च 2026 तक राज्य को नक्सल मुक्त बनाने के लक्ष्य के तहत सघन अभियान चला रहे हैं। आईजी राज ने कहा, खुफिया तंत्र मजबूत हुआ है, और जंगल क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई गई है। गुमला, लोहरदगा, लातेहार और चतरा जैसे जिले नक्सल गतिविधियों के हॉटबेड हैं। हाल के ऑपरेशंस से संगठनों की कमान कमजोर हुई है।
सरकार ने आत्मसमर्पण नीति को प्रोत्साहित किया है, जिसके तहत 10 नक्सलियों ने इस महीने हथियार डाले। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, नक्सलवाद विकास का दुश्मन है। हम शांति और समृद्धि सुनिश्चित करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड को अतिरिक्त फंडिंग दी है।
घाघरा क्षेत्र में सतर्कता: सर्च ऑपरेशन जारी
मुठभेड़ स्थल घाघरा वन क्षेत्र में है, जहां नक्सली हमलों की साजिश रच रहे थे। सुरक्षाबलों ने इलाके को सील कर दिया है। स्थानीय ग्रामीणों ने सहयोग का आश्वासन दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि जेजेएमपी जैसे स्प्लिटर ग्रुप्स कमजोर पड़ रहे हैं।
नक्सलवाद पर अंकुश: राज्य सरकार की रणनीति
झारखंड में नक्सल प्रभावित जिलों में विकास योजनाएं तेज हो रही हैं। सड़कें, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र बन रहे हैं, जो नक्सलियों के प्रचार को कमजोर कर रहे हैं। पुलिस ने कहा, हमारा लक्ष्य हिंसा मुक्त झारखंड है। यह मुठभेड़ न केवल नक्सलियों को झटका है, बल्कि आम जनता को सुरक्षा का संदेश भी।
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