MSP Hike: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए दो बड़े तोहफे दिए गए। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे ‘दिवाली गिफ्ट’ बताते हुए कहा कि रबी की छह फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में ऐतिहासिक वृद्धि की गई है। साथ ही, ‘राष्ट्रीय दलहन मिशन’ को मंजूरी मिली है। ये फैसले दशहरे से एक दिन पहले, नवरात्रि के अंतिम दिन लिए गए, जो किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होंगे। मंत्री चौहान ने कहा, ये निर्णय किसानों के कल्याण के लिए ऐतिहासिक हैं। प्रधानमंत्री जी का किसानों के प्रति समर्पण सराहनीय है।
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MSP Hike: उत्पादन लागत पर 100% से अधिक लाभ
कैबिनेट ने रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए छह प्रमुख फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। गेहूं की एमएसपी अब 2,425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2,585 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है, जिसमें 160 रुपये की वृद्धि हुई है। जौ की एमएसपी 1,980 रुपये से 2,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गई (170 रुपये की बढ़ोतरी)। चने की एमएसपी 5,650 रुपये से 5,875 रुपये प्रति क्विंटल (225 रुपये की वृद्धि)। मसूर की एमएसपी 6,700 रुपये से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल (300 रुपये की बढ़ोतरी)। रेपसीड व सरसों की एमएसपी 5,950 रुपये से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल (250 रुपये की वृद्धि)।
सबसे अधिक लाभ कुसुम्भ को मिला, जहां एमएसपी 5,940 रुपये से बढ़कर 6,540 रुपये प्रति क्विंटल हो गई (600 रुपये की वृद्धि)। इस वृद्धि से फसलों पर उत्पादन लागत का लाभ प्रतिशत भी बढ़ा है। गेहूं पर अब 109% लाभ, जौ पर 127%, चना पर 60%, मसूर पर 97%, रेपसीड-सर्सों पर 93% और कुसुम्भ पर 114% लाभ सुनिश्चित किया गया है। सरकार का दावा है कि इससे किसानों की आय में सीधा इजाफा होगा और वे बाजार की अस्थिरता से सुरक्षित रहेंगे। ये घोषणाएं रबी बुआई से पहले की गई हैं, जो किसानों को प्रोत्साहन देगी।
MSP Hike: राष्ट्रीय दलहन मिशन: आत्मनिर्भरता की नई दिशा
कैबिनेट ने ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-दलहन’ को ‘राष्ट्रीय दलहन मिशन’ के रूप में पुनर्गठित करने की मंजूरी दी है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में दलहन उत्पादन को बढ़ावा देकर आयात पर निर्भरता कम करना, पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसानों की आय दोगुनी करने में योगदान देना है। वर्तमान में भारत का दलहन उत्पादन 24.2 मिलियन टन है, जिसे 2030-31 तक 35 मिलियन टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
मिशन के तहत 416 जिलों में विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसमें चावल के पराली क्षेत्रों का उपयोग, उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीजों का वितरण, इंटरक्रॉपिंग तकनीक, बेहतर सिंचाई सुविधाएं, बाजार लिंकेज और तकनीकी सहायता शामिल है। तूर, उड़द और मसूर जैसी प्रमुख दलहनों की 100% खरीद एमएसपी पर की जाएगी, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिलेगा। मिशन के लिए 2025-26 से 2029-30 तक 11,440 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। मंत्री चौहान ने कहा, यह मिशन किसानों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और भारत को दलहन उत्पादन में विश्व गुरु बनाएगा।
MSP Hike: किसान कल्याण की व्यापक रणनीति
ये फैसले सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों का हिस्सा हैं। पिछले वर्षों में एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के प्रयासों के बाद अब उत्पादन बढ़ाने पर फोकस है। राष्ट्रीय दलहन मिशन से न केवल आयात बचेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे छोटे और सीमांत किसानों को सबसे अधिक लाभ होगा, जो दलहन की खेती पर निर्भर हैं। साथ ही, पोषण अभियान के तहत दालों का उत्पादन बढ़ने से देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।
शिवराज ने बताया ऐतिहासिक वृद्धि
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फैसलों की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा, पीएम जी का किसानों के प्रति प्रेम अटूट है। ये निर्णय उनकी दूरदृष्टि का प्रमाण हैं। किसान संगठनों ने भी स्वागत किया है, हालांकि कुछ ने एमएसपी कानून की मांग दोहराई। विपक्ष ने इसे चुनावी स्टंट बताया, लेकिन अधिकांश ने इसे सकारात्मक कदम माना।
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