Kulgam Encounter: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में भारतीय सेना की चिन्नार कॉर्प्स ने ‘ऑपरेशन गुड्डर’ के तहत दो खतरनाक लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादियों को मार गिराया। इस ऑपरेशन को घाटी में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है। सेना ने इसे आतंकवाद से मुक्त कश्मीर के अपने संकल्प का हिस्सा बताया है। ऑपरेशन में दो सैनिकों, सूबेदार प्रभात गौड़ और लांस नायक नरेंद्र सिंधु, ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
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Kulgam Encounter: ऑपरेशन गुड्डर, खुफिया सूचना पर कार्रवाई
‘ऑपरेशन गुड्डर’ 8 सितंबर 2025 को कुलगाम के गुड्डर जंगल में शुरू हुआ। जम्मू-कश्मीर पुलिस की खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने संयुक्त रूप से यह अभियान चलाया। चिन्नार कॉर्प्स के अनुसार, संदिग्ध गतिविधि देखे जाने पर सुरक्षाबलों ने आतंकियों को चुनौती दी, जिसके जवाब में आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इस मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए, जबकि दो सैनिक शहीद हो गए और एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) घायल हुआ।
Kulgam Encounter: मारे गए आतंकियों की पहचान
मारे गए आतंकियों की पहचान पाकिस्तानी नागरिक रहमान, जिसे रहमान भाई के नाम से भी जाना जाता था, और शोपियां के दरमदोरा निवासी आमिर अहमद डार के रूप में हुई। रहमान लश्कर-ए-तैयबा का वरिष्ठ कमांडर था और तीन साल से दक्षिण कश्मीर में सक्रिय था। आमिर अहमद डार 28 सितंबर 2023 को आतंकी संगठन में शामिल हुआ था। दोनों आतंकी घाटी में आतंक फैलाने और युवाओं को भड़काने की साजिशों में शामिल थे।
Kulgam Encounter: हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी
ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने आतंकियों के कब्जे से आधुनिक राइफलें, मैगजीन, ग्रेनेड और संचार उपकरण सहित भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया। चिन्नार कॉर्प्स ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट में कहा, “ऑपरेशन गुड्डर में दो कट्टर लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों, रहमान (पाकिस्तानी नागरिक) और आमिर अहमद डार (दरमदोरा, शोपियां) को मार गिराया गया। हथियार, गोला-बारूद और अन्य युद्ध सामग्री भी बरामद की गई।” यह बरामदगी आतंकी संगठनों की रसद और संचालन पर बड़ा प्रहार मानी जा रही है।
शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि
ऑपरेशन में शहीद हुए सूबेदार प्रभात गौड़ और लांस नायक नरेंद्र सिंधु को चिन्नार कॉर्प्स ने श्रद्धांजलि दी। कॉर्प्स ने ‘एक्स’ पर लिखा, चिन्नार कॉर्प्स शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करता है। उनकी वीरता और समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करेगा। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनकी वीरता और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
पहलगाम हमले के बाद ‘ऑपरेशन महादेव’
इससे पहले, 29 जुलाई 2025 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत पहलगाम हमले के तीन आतंकियों—सुलेमान शाह, अफगान और जिबरान—को मार गिराया गया। यह हमला 22 अप्रैल 2025 को हुआ था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। शाह ने कहा कि 23 अप्रैल को हुई सुरक्षा बैठक में आतंकियों को पाकिस्तान भागने से रोकने की रणनीति बनाई गई थी। सुलेमान शाह, जिसे हाशिम मूसा के नाम से भी जाना जाता था, लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था और कई हमलों में शामिल था।
आतंकवाद के खिलाफ निरंतर संकल्प
चिन्नार कॉर्प्स ने स्थानीय नागरिकों से आतंकी गतिविधियों से दूर रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अपील की है। सेना का कहना है कि स्थानीय सहयोग से ही घाटी में स्थायी शांति संभव है। ‘ऑपरेशन गुड्डर’ और ‘ऑपरेशन महादेव’ जैसे अभियानों से सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा और इसके सहयोगी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के नेटवर्क को कमजोर करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।
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