Jharkhand: झारखंड में कांस्टेबल की नौकरी के लिए कराई जा रही दौड़ प्रतियोगिता के दौरान कई अभ्यर्थियों की जान चली गई है। एक्साइज डिपार्टमेंट में कांस्टेबल की नियुक्ति के लिए अलग-अलग जिलों में पिछले आठ दिनों से यह दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इस प्रतियोगिता में अब तक सात अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 200 अभ्यर्थी बेहोश हो गए हैं। इस घटना ने प्रतियोगिता के आयोजन और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे राज्य में चिंता और नाराजगी का माहौल बन गया है।
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अभ्यर्थियों की मौतों और बेहोशी की घटनाओं पर गंभीर सवाल
झारखंड में कांस्टेबल नियुक्ति के लिए चल रही दौड़ प्रतियोगिता के दौरान हो रही मौतों और बेहोशी की घटनाओं ने इस प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पलामू जिले में तीन दिनों के भीतर चार युवकों की मौत हुई है। मृतकों में बिहार के गया निवासी अमरेश कुमार, रांची के ओरमांझी निवासी अजय महतो, पलामू के छतरपुर निवासी अरुण कुमार, और गोड्डा निवासी प्रदीप कुमार शामिल हैं। इन घटनाओं ने भर्ती प्रक्रिया में सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों की अनदेखी को उजागर किया है, जिससे राज्य में चिंता और आक्रोश का माहौल बन गया है। सरकार और संबंधित विभागों से इस मामले पर कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
हजारीबाग के पदमा स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में कांस्टेबल भर्ती के लिए चल रही दौड़ प्रतियोगिता के दौरान अब तक दो युवकों की मौत हो चुकी है। इनमें गिरिडीह जिले के देवरी निवासी सूरज वर्मा की मौत शनिवार को हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान हुई। डॉक्टरों ने सूरज की मौत का कारण कार्डियक अटैक बताया है। सूरज की मौत से उनके पिता प्रभु वर्मा और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इसके अलावा, एक हफ्ते पहले मांडू निवासी महेश कुमार की भी इसी दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेने के दौरान मौत हो गई थी। इन घटनाओं ने भर्ती प्रक्रिया में सुरक्षा उपायों की कमी को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है।
चिकित्सा सुविधाओं और सुरक्षा उपायों की कमी उजागर
गिरिडीह में न्यू पुलिस लाइन में आयोजित कांस्टेबल भर्ती की दौड़ प्रतियोगिता के दौरान बेहोश हुए सुमित कुमार की मौत हो गई। सुमित, जो गोड्डा जिले के केरवार गांव के निवासी थे, को बेहोश होने के बाद धनबाद स्थित मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना ने भर्ती प्रक्रिया के दौरान पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है, जिससे राज्य में गहरी चिंता और आक्रोश व्याप्त है।
अब तक 200 अभ्यर्थी बेहोश
एक हफ्ता पहले पूर्वी सिंहभूम जिले के जादूगोड़ा में कांस्टेबल भर्ती के लिए आयोजित दौड़ प्रतियोगिता के दौरान गिरिडीह जिले के केशवारी निवासी पिंटू कुमार की मौत हो गई थी। इस घटना के साथ ही झारखंड के विभिन्न जिलों में हो रही इस प्रतियोगिता के दौरान अभ्यर्थियों की मौत और बेहोश होने की घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। पलामू, गिरिडीह, रांची, हजारीबाग, पूर्वी सिंहभूम, और साहिबगंज जिलों में अब तक कम से कम 200 अभ्यर्थी बेहोश या बीमार हो चुके हैं, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। इन घटनाओं ने भर्ती प्रक्रिया की सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर कड़ी निगरानी और सुधार की मांग बढ़ गई है।