13.1 C
New Delhi
Sunday, November 16, 2025
HomeदेशJammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा मिलना कितना मुश्किल, उमर...

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा मिलना कितना मुश्किल, उमर अब्दुल्ला के सामने ये बड़ी चुनौतियां

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में उमर अब्दुल्ला ने शपथ ले ली। इसके साथ ही अब राज्य के पुनर्गठन और इसे फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर चर्चा तेज हो गई है।

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में उमर अब्दुल्ला ने शपथ ले ली, और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस विकास के साथ ही अब राज्य के पुनर्गठन और इसे फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर चर्चा तेज हो गई है। हालांकि, यह प्रक्रिया कानूनी और राजनीतिक रूप से जटिल है, और इसमें केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। राज्य का दर्जा बहाल करना कई संवैधानिक चुनौतियों और परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव से दो महीने पहले कहा था कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक सशक्त राज्य का मुख्यमंत्री होने का अनुभव लिया है और वह ऐसी स्थिति में नहीं रहना चाहते जहां उन्हें अपने कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए उपराज्यपाल से अनुमति लेनी पड़े। नतीजे की बात करें तो, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) को 42 और कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के खाते में 28 सीटें आई।

घोषणापत्र में जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का दावा

यह सवाल इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था। पार्टी ने आर्टिकल 370 और 35ए को बहाल करने, पाकिस्तान के साथ बातचीत की पहल करने और जेल में बंद कैदियों की रिहाई जैसे प्रमुख वादों को शामिल किया था। अब जब उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बन गए हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र के साथ इन मुद्दों पर कैसे बातचीत होती है और क्या राज्य का दर्जा वापस पाने में सफलता मिलती है।

पीएम मोदी और अमित शाह नें भी किया था वादा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था। पहले परिसीमन, फिर चुनाव, और उसके बाद राज्य का दर्जा बहाल करने की योजना थी। परिसीमन और चुनाव हो चुके हैं, अब केवल राज्य का दर्जा बहाल किया जाना बाकी है। हालांकि, इस दिशा में अभी कोई ठोस समय सीमा तय नहीं की गई है, और इस पर केंद्र सरकार के फैसले का इंतजार है।

उमर सरकार बना रही है विधानसभा में प्रस्ताव लाने की योजना

उमर अब्दुल्ला की सरकार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाने की योजना बना रही है। इस प्रस्ताव को विधानसभा में मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। अंतिम निर्णय केंद्र सरकार के पास होगा, जो जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव कर सकती है। इस प्रक्रिया के बाद ही राज्य का दर्जा बहाल किया जा सकेगा, क्योंकि जम्मू-कश्मीर वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश है।

संसद में पारित करना होगा कानून

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए संसद में एक कानून पारित करना होगा, जिसमें पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। इस संशोधन विधेयक को संसद से मंजूरी मिलने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी, जिससे जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा।

फिर विधायकों की संख्या के 15% तक मंत्री बनाए जा सकेंगे

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने पर विधायकों की संख्या के 15% तक मंत्री बनाए जा सकेंगे, जबकि केंद्र शासित प्रदेश में यह सीमा 10% है। इसके अलावा, राज्य सरकार को कैदियों की रिहाई और अन्य चुनावी वादों को पूरा करने में केंद्र से अधिक अधिकार प्राप्त होंगे। यह बदलाव स्थानीय शासन की शक्ति को बढ़ाएंगे और विकास को प्रोत्साहित करेंगे।

- Advertisement - Advertisement - Yatra Swaaha
RELATED ARTICLES
New Delhi
mist
13.1 ° C
13.1 °
13.1 °
82 %
1.5kmh
0 %
Sun
27 °
Mon
27 °
Tue
27 °
Wed
27 °
Thu
26 °

Most Popular