Indigo crisis: भारतीय विमानन क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी इंडिगो (इंटरग्लोब एविएशन) का संकट लगातार गहराता जा रहा है। 2 दिसंबर से शुरू हुए फ्लाइट कैंसिलेशन के सिलसिले ने न सिर्फ यात्रियों को परेशान किया है, बल्कि निवेशकों की जेब भी ढीली कर दी है। बीते सात दिनों में कंपनी के शेयरों में 17 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है, जिससे मार्केट वैल्यू में 38,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। सोमवार को भी शेयरों में एक प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार हुआ, जबकि शुक्रवार को 9 प्रतिशत का जोरदार धक्का लगा था।
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Indigo crisis: 2000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल, डीजीसीए ने सीईओ को शो-कॉज नोटिस
इंडिगो ने 2 दिसंबर से अब तक 2,000 से अधिक घरेलू फ्लाइट्स रद्द की हैं, जिससे देशभर के एयरपोर्ट्स पर त्राहिमाम मच गया। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने कंपनी के नए सीईओ पीटर एल्बर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया, कहा कि अदालत एयरलाइन नहीं चला सकती। कंपनी ने सरकार को संकट की पांच वजहें बताईं, जिनमें फ्लाइट ड्यू-टू-लीगल (एफडीटीएल) नियमों का पालन न कर पाना प्रमुख है।
Indigo crisis: मार्केट कैप 1.89 लाख करोड़ पर सिमटा, दिसंबर में 15% गिरावट
शेयर बाजार में मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट के बीच इंडिगो का शेयर 5,000 रुपये से नीचे बंद हुआ, जो सात महीनों का नया निचला स्तर है। दिसंबर में ही स्टॉक 15 प्रतिशत से ज्यादा लुढ़क चुका है। कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन अब 1.89 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है, जो पहले 2 लाख करोड़ से ऊपर थी। इस गिरावट से निवेशकों की दौलत में करीब 4.3 अरब डॉलर (38,708 करोड़ रुपये) की कमी आई है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह गिरावट संकट के सातवें दिन भी जारी रही।
Indigo crisis: ब्रोकरेज फर्मों की चेतावनी, FY26 में 8-9% कमाई पर असर
ब्रोकरेज जेएम फाइनेंशियल के अनुमान के अनुसार, अगर यह संकट 15 दिनों तक चलता रहा तो मार्च 2026 में समाप्त वित्तीय वर्ष में कंपनी की आय में 8-9 प्रतिशत की कमी आ सकती है। इसमें जुर्माने को शामिल नहीं किया गया है। मूडीज रेटिंग्स ने भी बड़ा वित्तीय नुकसान होने की चेतावनी दी है। इंडिगो भारतीय बाजार में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है, लेकिन नए एफडीटीएल नियमों के कारण परिचालन बाधित हो गया। दिसंबर मध्य तक सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हो सकती हैं।
Indigo crisis: निवेशकों के लिए उलझन, यूबीएस और जेफरीज की खरीद सलाह
निवेशकों के सामने सबसे बड़ा सवाल है – अब क्या करें? बेच दें, होल्ड रखें या मौके का फायदा उठाकर खरीदें? विदेशी ब्रोकरेज यूबीएस ने इंडिगो शेयरों को ‘खरीदें’ रेटिंग दी है, लेकिन टारगेट प्राइस को घटाकर 6,350 रुपये कर दिया। उनका कहना है कि लंबी अवधि में आउटलुक पॉजिटिव है और मौजूदा स्तर से 18 प्रतिशत ऊपर जाने की संभावना है। जेफरीज ने भी खरीद की सलाह देते हुए टारगेट 7,025 रुपये रखा, जो 31 प्रतिशत की तेजी का संकेत देता है।
Indigo crisis: जेएम फाइनेंशियल ने निवेश घटाने की सिफारिश की
हालांकि, जेएम फाइनेंशियल ने सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने शेयरों में निवेश घटाने की सिफारिश की है और टारगेट प्राइस 5,570 रुपये रखा, जो मौजूदा स्तर से महज 4 प्रतिशत ऊपर है। ब्रोकरेज का मानना है कि डीजीसीए का शो-कॉज नोटिस शेयरों पर नकारात्मक असर डालेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि संकट के समाप्त होने का इंतजार करें, लेकिन लॉन्ग-टर्म निवेशक होल्ड कर सकते हैं।
Indigo crisis: यात्रियों पर भारी बोझ, स्लॉट अन्य एयरलाइंस को ट्रांसफर
संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित यात्री हैं। एयरपोर्ट्स पर रद्द फ्लाइट्स के कारण अफरा-तफरी मची रही। सरकार ने इंडिगो के स्लॉट अन्य एयरलाइंस को देने का फैसला किया है, जिससे उड़ान शेड्यूल में कटौती होगी। कंपनी ने कहा कि परिचालन जल्द सामान्य करने की कोशिश जारी है, लेकिन रेग्युलेटरी चुनौतियां बाधा बन रही हैं।
विशेषज्ञों की सलाह है कि शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा है। कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें। इंडिगो का यह संकट पूरे एविएशन सेक्टर के लिए सबक है।
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