Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार रात से लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने मंगलवार सुबह भारी तबाही मचाई। बारिश के कारण जेल रोड इलाके में अचानक आई फ्लैश फ्लड की चपेट में आकर दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य के लापता होने की आशंका है। दर्जनों वाहन कीचड़ और मलबे में दब गए हैं, जिससे पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल है।
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Himachal Pradesh: जेल रोड बना जलप्रलय का केंद्र
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंगलवार सुबह कुछ लोग अपनी गाड़ियां निकालने जेल रोड के पास पहुंचे थे, लेकिन अचानक तेज बहाव के साथ नाले का पानी उफान पर आ गया। कई लोग इसकी चपेट में आ गए। प्रशासन की रेस्क्यू टीमों ने मौके पर पहुंचकर दो शवों को बरामद किया है, जबकि एक अन्य शव गाड़ियों के नीचे दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
Himachal Pradesh: सड़कों पर दरिया की तरह बहा पानी
तस्वीरों और वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि मंडी की सड़कों पर पानी, मलबा और कीचड़ इस कदर बह रहा है मानो कोई दरिया हो। पहाड़ों से आया मलबा नीचे रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया, जिससे जन-जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। जेल रोड इलाके में तो हालात सबसे ज्यादा भयावह हैं, जहां दर्जनों वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
Himachal Pradesh: रातभर जारी रही बारिश, अस्पताल तक डूबा
बारिश सोमवार रात 11 बजे के बाद शुरू हुई और सुबह 4 बजे तक लगातार तेज होती रही। इस दौरान मंडी जिले के जोनल अस्पताल तक में पानी भर गया। ओवरफ्लो हुए नालों के कारण अस्पताल परिसर में घुटनों तक पानी जमा हो गया, जिससे मरीजों और स्टाफ को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सड़कें बंद, पहाड़ों से गिर रहा मलबा
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) और राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, 28 जुलाई तक राज्यभर में करीब 200 सड़कें बंद हो चुकी थीं। मंडी समेत कुल्लू, किन्नौर और चंबा जिलों में भी बारिश ने बुरा हाल कर रखा है। कई जगहों पर भूस्खलन के चलते गांवों का संपर्क कट गया है।
160 से अधिक लोगों की मौत इस मानसून में
इस मानसून सीजन में अब तक हिमाचल प्रदेश में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 90 मौतें भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और बादल फटने जैसी आपदाओं के कारण हुई हैं। वहीं बाकी 70 से ज्यादा लोगों की जान सड़क हादसों में गई है।
प्रशासन अलर्ट, राहत कार्य जारी
मंडी में जिला प्रशासन और NDRF की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। कुछ क्षेत्रों से लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय और आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश में बारिश हर साल तबाही का सबब बनती जा रही है। मंडी जैसी घटनाएं न केवल राज्य के कमजोर बुनियादी ढांचे को उजागर करती हैं, बल्कि इस बात की चेतावनी भी देती हैं कि जलवायु परिवर्तन और अनियोजित विकास किस कदर खतरनाक हो सकता है।
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