Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से एसबीआई बैंक को फटकार लगाई और नोटिस जारी किया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को यह फटकार इसलिए लगाई है क्योंकि एसबीआई ने जो इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा पेश किया है, वह बिना यूनिक नंबरों के था। अब कोर्ट ने नोटिस जारी कर इस मामले में बैंक से जवाब मांगा है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए एसबीआई को कहा कि उन्हें राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चुनावी बॉन्ड की यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर का खुलासा करना चाहिए था।
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मूल दस्तावेज चुनाव आयोग को वापस करने के निर्देश:
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मतदान पैनल द्वारा दाखिल किए गए डेटा को स्कैन और डिजिटाइज करने के बाद मूल डॉक्यूमेंट्स को चुनाव आयोग को वापस करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने ये निर्देश अपने रजिस्ट्रार (न्यायिक) को दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह शनिवार शाम 5 बजे तक पूरा हो जाना चाहिए।
बॉन्ड में यूनिक नंबरों का खुलासा नहीं:
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्वाचन आयोग की उस अर्जी पर सुनवाई की, जिसमें इलेक्टोरल बॉन्ड केस में कोर्ट के 11 मार्च के आदेश के एक हिस्से में संशोधन का अनुरोध किया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण की दलीलों पर ध्यान दिया कि बैंक ने जो डेटा पेश किया है, उनमें अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों का खुलासा नहीं किया गया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे।
18 मार्च को होगी अगली सुनवाई:
सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को नोटिस जारी करने के बाद इस मामले में सुनवाई की अगली तारीफ 18 मार्च को रखी है। वहीं निर्वाचन आयोग ने अपनी अर्जी मे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को आदेश दिए थे कि सुनवाई के दौरान
लिफाफे में सीलबंद दस्तावेज जो कोर्ट में जमा किए गए थे, उनकी प्रतियां चुनाव आयोग के कार्यालय में रखी जाएंगी। निर्वाचन आयोग ने अपनी अर्जी में कहा कि आयोग के कार्यालय में उन दस्तावेजों की कोई प्रति नहीं रखी गई है।