Dhananjay Singh: बाहुबली धनंजय सिंह को उत्तर प्रदेश के जौनपुर में चल रहे चुनावों के बीच आज कुछ राहत मिली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने धनंजय सिंह को बड़ी राहत दी है। उनकी जमानत याचिका स्वीकार हो गई है। परन्तु इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
धनंजय सिंह को सजा पर रोक नहीं लगने से वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। रंगदारी मांगने के मामले में उन्हें सात वर्ष की सजा सुनाई गई है। वह जौनपुर जेल में बंद थे। शनिवार को उन्हें जौनपुर से बरेली जेल भेजा गया।
Table of Contents
सजा पर रोक की मांग की थी:
पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अपने अंतरिम आदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। हाई कोर्ट में धनंजय सिंह ने जमानत की मांग के साथ-साथ उन्हें मिली सजा पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। अब धनंजय सिंह हाई कोर्ट के आदेश के बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी करके जेल से बाहर आ सकते हैं। हाई कोर्ट ने धनंजय सिंह की रंगदारी मामले में 7 साल की सजा पर रोक लगाने की अर्जी खारिज कर दी है।
इस मामले में हाई कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। धनंजय सिंह 7 वर्ष की सजा के कारण 2024 के लोकसभा चुनाव में भाग नहीं ले पाएंगे। बता दें कि लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दो साल से अधिक सजायाफ्ता को सजा पूरी होने के छह साल बाद तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
Dhananjay Singh के खिलाफ 41 मामले:
16 जुलाई 1975 को जौनपुर के रारी गांव के एक राजपूत परिवार में जौनपुर के बाहुबली नेता धनंजय सिंह का जन्म हुआ। उनकी तीन शादियां हुईं। शादी के नौ महीने के अंदर पहली पत्नी मीनू ने संदिग्ध हालात में आत्महत्या कर ली थी। डॉ. जागृति सिंह उनकी दूसरी पत्नी हैं।
वह अब तलाक ले चुकी हैं और अलग रह रही हैं। उसके बाद धनंजय सिंह ने जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला रेड्डी से तीसरा विवाह रचाया| इंटर की पढ़ाई करते वक़्त धनंजय सिंह पर हत्या का पहला आरोप लगा था। बाद में उनके खिलाफ एक के बाद एक हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, रंगदारी और फिरौती के 41 मामले दर्ज किए गए।
इनमें से 31 मुकदमे फिलहाल खारिज हो चुके हैं। उन्हें एक मुकदमे में सात साल की सजा सुनाई गई है। वहीं शेष नौ मामलों पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
पत्नी चुनाव मैदान में:
बहुजन समाज पार्टी से जौनपुर लोकसभा सीट पर धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी, यानी श्रीकला सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। उनके जौनपुर लोकसभा सीट पर पहुंचने से चुनावी वातावरण में काफी उत्साह आया है। बहुजन समाज पार्टी ने जौनपुर से 2019 के लोकसभा चुनाव में सीट जीती थी।
बसपा के उम्मीदवार श्याम सिंह यादव ने इस सीट पर सपा-बसपा गठबंधन के तहत चुनाव जीता था। लोकसभा चुनाव से पहले बसपा के टिकट पर जीतने वाले श्याम सिंह यादव ने कांग्रेस से संबंध बनाते हुए दिखाई दिए थे । लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाया था। उनका टिकट बसपा ने भी काट दिया था| जौनपुर लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस-सपा गठबंधन के तहत जीती है।
चुनाव में पत्नी के लिए बना पाएंगे रणनीति:
जौनपुर से महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय रहे कृपा शंकर सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है। साथ ही,बाबू सिंह कुशवाहा को समाजवादी पार्टी ने चुनाव में उतर कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। श्रीकला रेड्डी इन दोनों उम्मीदवारों के सामने की सबसे बड़ी चुनौती है।
ऐसे में धनंजय सिंह के जेल से बाहर आने के बाद राजनीती और गर्माएगी। अनुमान है की धनंजय सिंह अपनी पत्नी के चुनाव प्रचार में उनका सहयोग कर सकते है| पत्नी श्रीकला रेड्डी को धनंजय सिंह ने अपनी बसपा का उम्मीदवार बनाया है। धनंजय सिंह का जौनपुर में बड़ा प्रभाव होने के कारण माना जा रहा है कि उन्हें बसपा का कॉडर वोट जरूर मिलेगा। बता दें कि जौनपुर का ठाकुर वोट पहले से ही उनके पक्ष में है। यादवों और अन्य जातियों के वोट भी उन्हें बड़ी तादात में पहले से मिलते रहे हैं |