Axiom-4 Mission: भारत के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने की ओर बढ़ रहा Axiom-4 मिशन मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण 11 जून 2025 तक स्थगित कर दिया गया है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो इस मिशन में पायलट की भूमिका में हैं, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना होने वाले हैं। यह मिशन भारत और अमेरिका की संयुक्त अंतरिक्ष पहल का हिस्सा है।
Table of Contents
Axiom-4 Mission: इसरो ने दी जानकारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने आधिकारिक एक्स (Twitter) हैंडल पर इस बात की पुष्टि की है कि खराब मौसम के चलते लॉन्च को टाल दिया गया है। अब यह मिशन 11 जून को भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा।
Axiom-4 Mission: 1984 के बाद पहली बार भारतीय की ऐतिहासिक यात्रा
Axiom-4 मिशन की खास बात यह है कि इसके जरिए शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनने जा रहे हैं। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत यूनियन के ‘सोयुज टी-11’ अंतरिक्षयान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी। अब, चार दशक बाद, भारत एक बार फिर अंतरिक्ष मिशन में मानव उपस्थिति दर्ज करने जा रहा है।
Axiom-4 Mission: चयन की लंबी प्रक्रिया
शुभांशु शुक्ला का चयन साल 2019 में ISRO की अंतरिक्ष यात्री चयन प्रक्रिया के तहत हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में स्वतंत्रता दिवस पर की गई घोषणा – “भारत का बेटा या बेटी अंतरिक्ष में जाएगा” — अब साकार होने जा रही है। इसके बाद से ही भारत ने गगनयान परियोजना सहित कई मानव अंतरिक्ष मिशनों की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ाए।
Axiom-4 Mission: अंतरराष्ट्रीय सहयोग
Axiom-4 मिशन को अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA और भारत की ISRO के सहयोग से Axiom Space नामक निजी कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस मिशन के तहत क्रू मेंबर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर प्रयोगशालाओं की परिक्रमा करते हुए विज्ञान, शैक्षणिक आउटरीच और व्यावसायिक गतिविधियों में हिस्सा लेंगे।
इस मिशन में चार सदस्यीय दल शामिल हैं –
- शुभांशु शुक्ला (भारत) – पायलट
- स्लावोस्ज उजनांस्की-विस्नीवस्की (पोलैंड)
- टिबोर कापू (हंगरी)
- पैगी व्हिटसन (अमेरिका) – जो एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं और मिशन की कमांडर होंगी।
शुभांशु की भूमिका क्या होगी?
आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट के तौर पर सक्रिय रहेंगे। उनका कार्य होगा मिशन के दौरान वाहन को नेविगेट करना, सिस्टम को नियंत्रित करना और डेटा की निगरानी करना। शुभांशु ने एक इंटरव्यू में बताया था, मैं वाहन को नियंत्रित करूंगा, सभी सिस्टम्स को देखूंगा और मिशन की सुरक्षा सुनिश्चित करूंगा।
भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को मिल सकता है बढ़ावा
शुक्ला ने यह भी कहा कि इस मिशन का उद्देश्य सिर्फ विज्ञान या अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचना नहीं है, बल्कि यह भारत में उभरते हुए अंतरिक्ष स्टार्टअप ईकोसिस्टम को भी प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा, भारत में अद्भुत प्रतिभाएं हैं जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व पटल पर नई पहचान बना रही हैं।
Axiom-4 मिशन न केवल भारत के लिए एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि यह देश के युवाओं, वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा। शुभांशु शुक्ला की उड़ान भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के उस युग की शुरुआत है जहां सरकारी और निजी प्रयास मिलकर मानव मिशनों को आगे ले जाएंगे। यह मिशन भारत को वैश्विक मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों की मुख्यधारा में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह भी पढ़ें:-
तीर्थयात्रियों के लिए खुशखबरी…श्रीनगर से कटरा तक हाईस्पीड सफर: जानिए टाइमिंग, किराया और रूट