Arvind Kejriwal: दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। हाईकोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली तो वे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए लेकिन वहां भी उनके मामले में तुरंत सुनवाई नहीं हुई। अब केजरीवाल को एक और झटका लगा है। दरअसल, अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को उनके पद से हटा दिया गया है।
विजिलेंस निदेशालय (डीओवी) ने बुधवार को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव की सेवाएं समाप्त कर दी। विजिलेंस निदेशालय का कहना है कि केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार की नियुक्ति अवैध और अमान्य है। इससे दो दिन पहले ही प्रर्वतन निदेशालय ने दिल्ली शराब घोटाले में पूछताछ के लिए विभव कुमार को तलब किया था।
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विभव कुमार को इस वजह से हटाया पद से:
रिपोर्ट्स के अनुसार, विशेष सचिव (सतर्कता) वाईवीवीजे राजशेखर की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती हैं। आदेश में विभव कुमार की सेवाएं समाप्त करने का कारण भी बताया है।
आदेश में कहा गया है कि विभव कुमार की नियुक्ति में केन्द्रीय सिविल सेवा के नियमों का उल्लंघन किया गया है। बताया गया कि वैभव कुमार की नियुक्ति में नियमों का उल्लंघन किया गया था। साथ ही आदेश में कहा गया कि विभव कुमार की नियुक्ति अवैध और अमान्य है क्योंकि उन्हें अपॉइंट करते वक्त निर्धारित नियमों और प्रक्रिया का ईमानदारी से पालन नहीं किया गया।
ईडी ने की थी विभव कुमार से पूछताछ:
इससे पहले शराब घोटाले मामले में प्रर्वतन निदेशालय ने सोमवार को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को पूछताछ के लिए बुलाया था। ईडी के दफ्तर में विभव कुमार से दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की गई। वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत विभव कुमार का बयान दर्ज किया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रर्वतन निदेशालय के आरोप पत्र में कहा गया है कि सितंबर 2021 से जुलाई 2022 के बीच विभव कुमार के मोबाइल नंबर का IMEI नंबर चार बार बदला। इसके साथ ही ईडी ने कहा था कि विजय नायर और आप विधायक दुर्गेश पाठक द्वारा चुनाव प्रचार से संबंधित इन व्यक्तियों और गतिविधियों को प्रबंधित किया गया था।
केजरीवाल ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा:
दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केजरीवाल की ओर से बुधवार 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई गई है।
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी द्वारा सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराया गया है। इसके बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। इस मामले में उन्होंने तुरंत सुनवाई की मांग भी की लेकिन ऐसा हो नहीं सका क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार से अवकाश है। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट का अगला कार्य दिवस सोमवार को होगा।
केजरीवाल के मंत्री ने दिया इस्तीफा:
इस बीच केजरीवाल को एक और झटका लगा। दरअसल, केजरीवाल सरकार के एक मंत्री राजकुमार आनंद ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देते हुए मंत्री राजकुमार ने आप पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। राजकुमार आनंद ने इस्तीफा देते हुए कहा कि जब वे राजनीति में आए थे तो केजरीवाल ने उसने कहा था कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा। आगे उन्होंने कहा कि राजनीति तो नहीं बदली लेकिन राजनेता बदल गए हैं।
राजकुमार ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से आप पार्टी का जन्म हुआ था लेकिन आज यह पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी हुई है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में वे असहज महसूस कर रहे हैं और इसी वजह से वह पार्टी और मंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पहले ऐसा लग रहा था कि आप पार्टी और उसके नेताओं को फंसाया जा रहा है लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद लग रहा है कि पार्टी में ही गड़बड़ है।
6 में से रह गए सिर्फ 5 मंत्री:
अरविंद केजरीवाल की सरकार में 6 मंत्री थे। जिनमें गोपाल राय, इमरान हुसैन, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, आतिशी और राजकुमार आनंद शामिल थे। अब राजकुमार आनंद के इस्तीफे के बाद केजरीवाल सरकार में सिर्फ 5 मंत्री बचे हैं। राजकुमार आनंद ने मंत्री पद के साथ पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।