Amit Shah: दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटजिक आपरेशंस (आइएफएसओ) यूनिट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फर्जी वीडियो इंटरनेट पर पोस्ट करने के मामले में अब तक आठ राज्यों से 16 लोगों को पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा है।
पुलिस केवल इस फर्जी वीडियो का असली सोर्स पता करने के लिए इन लोगो से पूछताछ करेगी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश सचिव शिवा शंकर, पार्टी प्रवक्ता अस्मा तस्लीम, इंटरनेट मीडिया प्रभारी माने सतीश और इंटरनेट मीडिया संयोजक नवीन को भी आईएसएसओ ने पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा है।
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आज हो सकती है पूछताछ:
तेलंगाना के सीएम सहित अन्य लोगों को आज एक मई को आईएफएसओ मुख्यालय, दिल्ली में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। यदि वे आज पूछताछ में शामिल नहीं हुए, तो उन्हें फिर से नोटिस भेजा जाएगा। पुलिस इन सभी से पूछताछ में केवल यह जानने जाने की कोशिश कर रही है की उनके पास यह वीडियो असल में कहाँ से आया है इसलिए पुलिस ने सभी को अपने मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, जैसे लैपटाप, लेकर आने को भी कहा है|
गुमराह करने के उद्देश्य से बनाया फर्जी वीडियो:
27 अप्रैल से किन-किन राज्यों में किन-किन लोगों ने यह वीडियो अब तक शेयर किया है,इस बात का पता लगाने के लिए IFOS की एक बड़ी टीम इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों की जांच करने की कोशिश कर रही है। पुलिस को शक है कि भाजपा को बदनाम करने और मतदाताओं को गुमराह करने के उद्देश्य से कांग्रेस के IT सेल के किसी व्यक्ति ने जानबूझकर फर्जी वीडियो बनाया है।
इसी फर्जी वीडियो मामले में रीतम सिंह, जो की एक कांग्रेस कार्यकर्ता है और पार्टी के वार रूम कोआर्डिनेटर के रूप में काम करता है उसे असम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। रीतम सिंह ने भी एक्स पर अमित शाह का फर्जी वीडियो पोस्ट किया था।
छतरपुर में युवा कांग्रेस नेता से की पूछताछ:
इससे पहले मंगलवार को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक युवा कांग्रेस नेता उमाशंकर पटेल से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने अमित शाह के इस फर्जी वीडियो को लेकर पूछताछ की। पुलिस ने बताया कि अमित शाह का फ़र्ज़ी वीडियो जिसमें वह कथित तौर पर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण अधिकारों में कटौती के बारे में बोलते हुए दिख रहे हैं, उसे युवा कांग्रेस आईटी सेल के जिला संयोजक उमाशंकर पटेल ने भी शेयर किया था। छतरपुर के एसपी अमन जैन ने बताया कि राजधानी में दर्ज किए गए फर्जी वीडियो से संबंधित एक मामले की जांच करने के लिए स्पेशल सेल की एक टीम छतरपुर आई थी।
पूछताछ में यह बताया कांग्रेस के युवा नेता ने:
उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय पुलिस ने टीम की सहायत की| पटेल ने बताया कि पुलिस दल ने उनसे पुछा की उनके पास यह वीडियो कहा से आया है| इस पर उन्होंने कहा की उन्होने पुलिस को बताया कि उन्होने किसी के द्वारा सोशल मीडिया पर पहले से पोस्ट किए गए वीडियो का संपादित संस्करण शेयर किया था। पटेल ने यह भी बताया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें 6 मई को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया है|
यह है वीडियो में:
इस फेक वीडियो में अमित शाह को आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए इसे समाप्त करने की घोषणा करते हुए दिखाया गया था। जबकि वास्तविक वीडियो में शाह एसटी, एससी और ओबीसी आरक्षण की रक्षा करने की बात कर रहे हैं । माना जा रहा है कि तीसरे चरण के चुनाव से पहले भाजपा को एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ दिखाने के लिए फेक वीडियो का उपयोग किया गया है।
गृह मंत्रालय ने इंटरनेट मीडिया पर शाह का फेक वीडियो प्रसारित होने का मामला सामने आने के बाद 28 अप्रैल को आईएफएसओ के पास फेक वीडियो की शिकायत दर्ज की, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी ।