Mosquito Repellent: गर्मी की शुरूआत हो चुकी है| इस मौसम में सबसे ज्यादा दिक्कत मच्छरों से होती है| चाहे गांव हो या शहर गर्मियों में मच्छरों का आतंक हर जगह फैला रहता है| मच्छर मारने वाली सभी कंपनियों के सारे दावे भी इनके आगे फेल हो जाते हैं| परन्तु क्या आप जानते है कि हमारी प्रकृति ने हमें एक ऐसा पौधा दिया है जिसकी खुशबू मच्छरों के लिए जहर का काम करती है।
आपने घरों में अक्सर मरुआ के पौधे को देखा होगा| इस पौधे के कई गुणकारी फायदे होते है| यह अपनी खुशबू से मच्छरों को तो दूर भागता ही है साथ ही यह कई औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है| यह आपके घर को डेंगू मच्छरों से बचाता है। यह भी कहा जाता है कि इस पौधे से भगवान श्री कृष्ण बहुत प्यार करते हैं।
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बच्चों के लिए बिल्कुल सेफ:
मरुआ का पौधा बच्चों के लिए भी बिलकुल सेफ होता है| अगर गलती से कोई बच्चा इसकी पत्तियों खा भी लेता है तो उन्हें नुकसान के बजाय फायदा ही होता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट का मानना है कि मच्छरों को घर से दूर रखने के लिए इस पौधे को घर में जरूर लगाना चाहिए| यह एक प्राकृतिक मॉस्कीटो रेपलेंट है जिसकी गंध से मच्छर दूर रहते हैं| इस पौधे को घर में लगाना तुलसी का पौधा लगाने जितना आसान होता है| आइए जानते इस पौधे के अन्य गुणों के बारे में।
प्राकृतिक Mosquito Repellent:
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के द्रव्यगुण विभाग ने बताया कि देखने में तुलसी की तरह लगने वाला मरुआ का पौधा मूलतः एक प्राकृतिक मॉस्किटो रेपेलेंट है। भारत में ज्यादातर सभी जगह इस पौधे को लगाया जाता है। इसे अक्सर किचन या गार्डन में उगाया जाता है। अगर आप अपने घर में मरुआ का पौधा लगाते है तो आपका घर भी इसकी तेज खुशबू से महकता रहेगा|
इसकी महक के कारण मच्छर और अन्य कीड़े मकोड़े आसपास नहीं आते है। यही कारण है कि आयुर्वेद भी इस पौधे को काफी पसंद किया जाता है| अपने घर के कुछ गमलों में इस पौधे को जरूर लगाएं क्योंकि यह पौधा मच्छरों को भगाने के लिए रामबाण उपाय है| इससे आपके घर में मच्छर नहीं पनपेंगे साथ ही यह आसपास के पौधों को भी कीट-पतंगों से बचाएगा|
कैसा होता है यह पौधा:
‘मरुआ’ तुलसी की प्रजाति का पौधा है। आम बोलचाल में यह “मरुआ दोना” भी कहलाता है। इसकी महक काफी तेज होती है| इसकी पत्तियां बड़ी, नुकीली, मोटी, नरम और चिकनी होती हैं। कार्तिक में तुलसी की मंजरी की तरह इस पर छोटे-छोटे सफेद फूल खिलते हैं। मरुआ सफेद और काले 2 रूप में मिलता है| कई स्वास्थ्य लाभों के लिए इसके औषधीय गुणों के कारण यह मेडिसिन बनाने में भी प्रयोग किया जाता है।
बच्चे खा लें तो क्या होगा?
इस पौधे की गंध मच्छरों को आकर्षित करती है,और यह उनके लिए जहर का काम भी करती है| अब सवाल यह उठता है कि अगर कोई बच्चा इसे खा ले तो क्या यह नुकसानदेह हो सकता है या नहीं| आपको बता दें कि बच्चों के लिए यह पौधा एक दम सुरक्षित होता है| इसका उपयोग खाने में मसाले के रूप में भी किया जाता है| इसे आप इसे चटनी, सब्जी, सलाद में मिलाकर भी खा सकते हैं।
भोजन में स्वाद के अलावा यह कई बीमारियों को भी दूर करता है। लेकिन इसकी अधिक मात्रा खाने के जायका को खराब कर सकती है। इसकी पत्तियां बच्चों को पेट में हो जाने वाले के कीड़े मारने में काफी असरदार होती है। साथ ही यह रक्त का शोधन करता है और भूख भी बढ़ाता है। इस पौधे में एंटीऑक्सीडेंट्स के गुण भी पाए जाते हैं। इसलिए इस का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।
डेंगू-मलेरिया वाले मच्छारों को बाहर निकालें:
मरुआ, तुलसी प्रजाति का एक पौधा होता है, जिसमें तुलसी की ही तरह कई औषधीय गुण भी होते हैं| इसकी तेज खुशबू से मच्छर घर में प्रवेश नहीं कर पाते है | इसके पत्तों से निकले रस को हाथ पैरों पर मसलने से मच्छर नहीं कटते हैं। उल्टी, दस्त या जी मचलने की समस्या होने पर अगर इसके रस को बच्चों को पिलाया जाए तो इससे तुरंत राहत मिलती है।
Disclaimer: उपर्युक्त खबर में उल्लेखित जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और परसेप्शन पर आधारित है। आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ अथवा अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।