Raipur AIrport: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर बुधवार की शाम को आकाशीय बिजली गिरने से हड़कंप मच गया। तेज बारिश और गर्जन के बीच बिजली ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) टावर के पास सिग्नल प्रणाली को निशाना बनाया, जिससे Doppler VHF Omnidirectional Range (DVOR) सिस्टम खराब हो गया। इस घटना के कारण एयरपोर्ट पर उड़ानों का संचालन पूरी तरह ठप हो गया, और सुरक्षा के मद्देनजर कई उड़ानों को पड़ोसी शहरों के हवाई अड्डों पर डायवर्ट करना पड़ा।
Table of Contents
Raipur AIrport: बिजली ने रोका हवाई यातायात
एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार, शाम करीब 6 बजे तेज बारिश के दौरान आकाशीय बिजली सीधे ATC टावर के पास सिग्नल उपकरणों पर गिरी। इससे DVOR सिस्टम, जो विमानों को उनकी स्थिति और दिशा निर्धारित करने में मदद करता है, बुरी तरह प्रभावित हुआ। इस खराबी के कारण कंट्रोल रूम को उड़ानों के संचालन के लिए आवश्यक डेटा और सिग्नल प्राप्त करने में दिक्कत होने लगी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एयरपोर्ट प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से सभी लैंडिंग और टेकऑफ को निलंबित कर दिया।
Raipur AIrport: पांच इंडिगो उड़ानें डायवर्ट
सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने कई उड़ानों को वैकल्पिक हवाई अड्डों पर डायवर्ट करने का फैसला किया। हैदराबाद और कोलकाता से रायपुर आने वाली दो इंडिगो उड़ानों को भुवनेश्वर भेजा गया। दिल्ली से रायपुर की एक उड़ान को भोपाल डायवर्ट किया गया, जबकि मुंबई से रायपुर आने वाली उड़ान को नागपुर भेजा गया। इसके अलावा, एक अन्य उड़ान को भी पास के हवाई अड्डे पर उतारा गया। कुल मिलाकर, पांच इंडिगो उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
Raipur AIrport: मरम्मत कार्य शुरू, जल्द सामान्य होगी स्थिति
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि बिजली गिरने से कोई बड़ा नुकसान या जनहानि की सूचना नहीं है। हालांकि, DVOR सिस्टम को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम तैनात की गई है। मरम्मत कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है, और अधिकारियों को उम्मीद है कि गुरुवार (11 सितंबर 2025) तक उड़ान संचालन सामान्य हो जाएगा। एक अधिकारी ने बताया, मरम्मत कार्य चल रहा है, और हम जल्द से जल्द सिस्टम को बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
ATC सिस्टम की अहमियत
एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम हवाई यातायात को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह जमीन-आधारित नियंत्रकों द्वारा संचालित एक सेवा है, जो रडार, संचार उपकरणों और मानवीय समन्वय के माध्यम से विमानों को टकराव से बचाने और नियंत्रित हवाई क्षेत्र में उनकी सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करता है। DVOR सिस्टम विमानों को उनकी स्थिति और दिशा निर्धारित करने में मदद करता है, जिससे पायलट सटीक नेविगेशन कर सकें। इस सिस्टम के बिना उड़ान संचालन असुरक्षित हो सकता है, यही कारण है कि प्रशासन ने तुरंत उड़ानों को डायवर्ट करने का फैसला लिया।
यात्रियों की परेशानी
उड़ानों के डायवर्ट होने से सैकड़ों यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की, क्योंकि उन्हें वैकल्पिक हवाई अड्डों पर लंबा इंतजार करना पड़ा। हालांकि, एयरपोर्ट प्रशासन और इंडिगो ने यात्रियों की सुविधा के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं शुरू की हैं। इंडिगो ने एक बयान में कहा कि प्रभावित यात्रियों की सहायता के लिए उनकी टीम तैनात है।
रायपुर एयरपोर्ट का महत्व
स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट, जिसे पहले माना एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता था, छत्तीसगढ़ का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच इसने लगभग 26 लाख यात्रियों को संभाला, जो इसे मध्य भारत का दूसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा बनाता है। 700 एकड़ में फैला यह हवाई अड्डा 3,250 मीटर लंबे रनवे के साथ मध्य भारत का सबसे लंबा रनवे वाला हवाई अड्डा है। हाल ही में, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने रायपुर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और कार्गो हब विकसित करने की घोषणा की थी।
यह भी पढ़ें:-
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन, जो बने देश के नए उपराष्ट्रपति, जानिए उनका पूरा राजनीतिक कर