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Monday, December 22, 2025
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Naxalites surrendered: बीजापुर में 22 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 6 पर था 11 लाख का इनाम

Naxalites surrendered: बीजापुर और नारायणपुर इलाके में माओवादियों के खिलाफ चलाए गए बड़े अभियान के बाद 22 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।

Naxalites surrendered: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की एक और बड़ी सफलता सामने आई है। 22 नक्सलियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के डीआईजी देवेंद्र सिंह नेगी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इन 22 नक्सलियों में से छह पर कुल 11 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों में सुरक्षाबलों को लगातार बड़ी सफलता मिल रही है। आत्मसमर्पण और मुठभेड़ों से यह स्पष्ट होता है कि नक्सली प्रभाव क्षेत्र में लगातार कमी आ रही है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे पुनर्वास कार्यक्रमों और सुरक्षाबलों की रणनीतिक कार्रवाइयों के चलते आने वाले समय में माओवाद की जड़ें और कमजोर होंगी।

Naxalites surrendered: आत्मसमर्पण अभियान में बड़ी सफलता

बीजापुर और नारायणपुर इलाके में हाल ही में सुरक्षाबलों द्वारा माओवादियों के खिलाफ चलाए गए बड़े अभियानों का असर अब साफ नजर आ रहा है। अधिकारियों के अनुसार, प्रशासन द्वारा संचालित पुनर्वास योजनाओं और सुरक्षाबलों के लगातार दबाव के कारण माओवादी विचारधारा को त्यागकर बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं।

अधिकारियों ने जानकारी दी कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एओबी डिवीजन के सदस्य, तेलंगाना राज्य समिति के सदस्य और प्लाटून के सदस्य शामिल हैं। बीजापुर जिले में अब तक 107 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो राज्य में उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

Naxalites surrendered: गंगलूर मुठभेड़ में 30 नक्सली ढेर

शुक्रवार को बीजापुर जिले के गंगलूर इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई बड़ी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 14 महिलाओं समेत 30 नक्सलियों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों पर कुल 87 लाख रुपये का इनाम घोषित था। अभियान के दौरान जवानों ने भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए, जिनमें एके-47, एसएलआर, इंसास, थ्री-नॉट-थ्री राइफल, देशी रॉकेट लांचर, बैरल ग्रेनेड लांचर और अन्य हथियार शामिल थे।

Naxalites surrendered: सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस सफलता के लिए सुरक्षाबलों की सराहना की। अमित शाह ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले साल मार्च तक पूरे देश से माओवाद को समाप्त करना है और इस दिशा में सुरक्षाबल लगातार प्रभावी कार्रवाई कर रहे हैं।

बीजापुर पुलिस और सीआरपीएफ पूरे क्षेत्र में नए शिविर स्थापित कर रही है। इन शिविरों की स्थापना के कारण बुनियादी ढांचे में सुधार हो रहा है, जिसमें सड़कें, स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं शामिल हैं। इसके कारण आम जनता की धारणा बदल रही है और अधिक लोग मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं।

शहीद जवानों को श्रद्धांजलि

शुक्रवार को हुए अभियान के दौरान एक बहादुर सैनिक ने सर्वोच्च बलिदान दिया, जबकि दो अन्य पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी घायल हो गए। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि घायल जवानों की हालत स्थिर है और उनका इलाज जारी है।

सरडेंर करने वालों को मिलेगी ये सुविधा

छत्तीसगढ़ सरकार की नई “नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025” आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई तरह की सुविधाएं प्रदान करेगी। इस नीति के तहत मिलने वाली प्रमुख सुविधाएं इस प्रकार हैं:

  1. आर्थिक सहायता और पुनर्वास: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जाएगी। पुनर्वास के लिए विशेष योजनाओं के तहत रहने और बसने की सुविधा दी जाएगी।
  2. शिक्षा और रोजगार के अवसर: आत्मसमर्पित नक्सलियों के बच्चों की शिक्षा की पूरी व्यवस्था सरकार करेगी। सरकार द्वारा उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।
  3. सुरक्षा व्यवस्था: आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों और उनके परिवारों की सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर सरकार नई पहचान देकर सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास कर सकती है।

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