Naxalites Encounter: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में शनिवार को सुरक्षाबलों ने एक बड़ी सफलता हासिल की। इंद्रावती क्षेत्र के घने जंगलों में चले एंटी-नक्सल अभियान के दौरान सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें तीन वर्दीधारी नक्सली मारे गए। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किए हैं। यह कार्रवाई माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे सुरक्षा अभियानों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
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Naxalites Encounter: गुप्त सूचना पर की गई कार्रवाई
पुलिस और खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली थी कि इंद्रावती रिजर्व फॉरेस्ट के क्षेत्र में बड़ी संख्या में माओवादी एकत्रित हुए हैं और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसी जानकारी के आधार पर बीजापुर और दंतेवाड़ा जिला रिजर्व गार्ड (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और कोबरा बटालियन 210 और 202 की संयुक्त टीमों ने सघन सर्च ऑपरेशन शुरू किया। शनिवार सुबह जंगल के अंदर घुसते ही माओवादियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की।
Naxalites Encounter: मुठभेड़ के बाद मिले शव और हथियार
करीब एक घंटे चली मुठभेड़ के बाद जब गोलियों की आवाजें थमीं, तब सुरक्षाबलों ने इलाके की तलाशी शुरू की। तलाशी अभियान में तीन वर्दीधारी माओवादियों के शव बरामद किए गए। इसके अलावा एक बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री भी मिली है, जिसमें बंदूकें, गोला-बारूद, डेटोनेटर, आईईडी बनाने का सामान और दैनिक उपयोग की सामग्री शामिल है। ये सभी सामग्री इस बात का संकेत हैं कि माओवादी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
Naxalites Encounter: माओवादियों की पहचान प्रक्रिया जारी
फिलहाल मारे गए तीनों माओवादियों की पहचान नहीं हो सकी है। अधिकारियों का कहना है कि शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और उनकी पहचान के लिए नक्सलियों के रिकॉर्ड से मिलान किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि ये तीनों नक्सली किसी स्थानीय यूनिट से जुड़े हो सकते हैं और इलाके में लंबे समय से सक्रिय थे।
सुरक्षा बलों की रणनीति में आक्रामक बदलाव
छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सुरक्षाबलों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पहले जहां माओवादी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई होती थी, वहीं अब सुरक्षाबल proactive होकर ऑपरेशन चला रहे हैं। बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा जैसे इलाकों में अब लगातार तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि माओवादियों को छिपने की जगह न मिले।
इंद्रावती रिजर्व फॉरेस्ट जैसे दुर्गम इलाकों में ऑपरेशन चलाना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। यहां घना जंगल, ऊबड़-खाबड़ रास्ते और माओवादियों के लगाए आईईडी सुरक्षा बलों के लिए खतरा पैदा करते हैं। इसके बावजूद सुरक्षाबलों ने हाल के वर्षों में कई सफल ऑपरेशन अंजाम दिए हैं, जिससे माओवादियों की ताकत कमजोर होती जा रही है।
स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील
बीजापुर पुलिस और प्रशासन ने स्थानीय ग्रामीणों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आम लोगों की सतर्कता और सहयोग से माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाना संभव है।
शांति बहाली की दिशा में एक और कदम
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई की सराहना की है। लोगों का कहना है कि ऐसे ऑपरेशन से नक्सलवाद का खौफ कम हो रहा है और लोग अब खुलकर प्रशासन और पुलिस का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि इलाके में माओवादी खतरा अभी भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन इस तरह की कार्रवाइयों से शांति और स्थायित्व की उम्मीद को बल मिल रहा है।
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