Naxalites: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है, जहां 2 महिलाओं समेत 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इन नक्सलियों पर कुल 43 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह आत्मसमर्पण नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की सक्रियता और अभियानों का सकारात्मक परिणाम माना जा रहा है। इस आत्मसमर्पण से नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति स्थापित करने की दिशा में प्रगति हुई है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि यह कदम अन्य नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करेगा। आपको बता दें कि बीते दिनों बीजापुर और कोंडागांव जिलों में 14 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। बस्तर में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया, जिसमें 3 नक्सलियों को मार गिराया गया है।
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40 लाख से ज्यादा रखा था इनाम
पुलिस के मुताबिक, कुल 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 2 महिलाएं शामिल हैं। इनके खिलाफ 43 लाख रुपये तक का इनाम था। आत्मसमर्पण को सुकमा पुलिस और सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों की सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। क्षेत्र में बनाए गए पुलिस कैंपों और जनजागरूकता अभियान ने आत्मसमर्पण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आत्मसमर्पण करने वाले 9 नक्सलियों में से 1 डीवीसीएम (डिविजनल वाइस कमांडर), 4 एसीएम (एरिया कमांड मेंबर) और 4 अन्य पार्टी सदस्य शामिल हैं। इन सभी पर विभिन्न नक्सली गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर आरोप थे।
इनाम की विवरणी:
2 नक्सलियों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम।
4 नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम।
1 नक्सली पर 3 लाख रुपये का इनाम।
2 अन्य नक्सलियों पर 2-2 लाख रुपये का इनाम।
कुल इनाम राशि: 43 लाख रुपये।
इन हमलों को दिया था अंजाम
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आत्मसमर्पण करने वाले इन 9 नक्सलियों का बुरकापाल, चिंतागुफा, मिनपा जैसे कुख्यात नक्सली हमलों में महत्वपूर्ण हाथ था। इन हमलों में सुरक्षाबलों और नागरिकों की जानें गई थीं, जिससे यह क्षेत्र लंबे समय से अशांत था।
प्रमुख घटनाएं
बुरकापाल हमला (2017): सुरक्षाबलों पर बड़ा हमला, जिसमें कई जवान शहीद हुए।
चिंतागुफा हमला: नक्सलियों ने साजिश रचकर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया।
मिनपा हमला: घात लगाकर किया गया हमला, जिसमें सुरक्षाबलों को नुकसान हुआ।
पत्थर साबित हो रही नियद नेल्ला नार योजना
छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित इलाकों में नियद नेल्ला नार योजना एक मील का पत्थर साबित हो रही है। यह योजना राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने का माध्यम बनकर उभरी है।
सुरक्षा कैंपों की भूमिका
योजना के तहत सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जिलों में स्थापित सुरक्षा कैंपों के पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले ग्रामीणों को लाभ दिया जा रहा है। सुरक्षा कैंपों के माध्यम से स्थानीय निवासियों को सुरक्षा और विश्वास का माहौल दिया गया है।
मूलभूत सुविधाएं
ग्रामीणों को पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। सड़क निर्माण, स्कूलों का संचालन, बिजली और इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
योजनाओं का लाभ
राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाया जा रहा है। जैसे: प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा, पेंशन योजनाएं और राशन वितरण। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कृषि, पशुपालन और छोटे उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। युवाओं को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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