Naxalite Surrender: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान तेज रफ्तार पकड़ चुका है। कोंडागांव जिले में सक्रिय 5 लाख रुपये की इनामी महिला नक्सली गीता उर्फ कमली सलाम ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। इसी कड़ी में बीजापुर जिले के गंगालूर क्षेत्र में हाल ही में हुई मुठभेड़ में 5 लाख के इनामी नक्सली आयतु पोड़ियाम को मार गिराया गया। ये घटनाएं नक्सल संगठन के कमजोर पड़ने का संकेत दे रही हैं, जहां लगातार आत्मसमर्पण और मुठभेड़ों से माओवादियों का मनोबल टूट रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे नक्सलवाद के पतन की शुरुआत बताते हुए कहा कि राज्य को शीघ्र नक्सल-मुक्त बनाने का लक्ष्य साकार हो रहा है।
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Naxalite Surrender: कोंडागांव में बड़ा आत्मसमर्पण
पूर्वी बस्तर डिवीजन की टेलर टीम कमांडर (एलबीडी) रही गीता उर्फ कमली सलाम ने बुधवार को कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक अक्षय कुमार के समक्ष हथियार डाल दिए। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गीता पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था, जो उसके संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। पुलिस के अनुसार, लगातार चल रहे नक्सल-विरोधी अभियानों, संगठन के अंदर बढ़ते मतभेदों और वरिष्ठ नेताओं के हालिया आत्मसमर्पणों ने गीता को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया।
Naxalite Surrender: छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति
आत्मसमर्पण के तुरंत बाद गीता को छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति के तहत 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। इसके अलावा, शासन की पुनर्वास नीति के तहत आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और कौशल प्रशिक्षण जैसी अन्य लाभ दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एसपी अक्षय कुमार ने बताया कि गीता का आत्मसमर्पण न केवल एक व्यक्तिगत जीत है, बल्कि पूरे बस्तर क्षेत्र में नक्सल प्रभाव को कम करने की दिशा में बड़ा कदम है। गीता ने आत्मसमर्पण के दौरान कहा, संगठन की खोखली विचारधारा और निर्दोष आदिवासियों पर अत्याचारों से तंग आकर मैंने यह फैसला लिया। अब शांति और विकास की राह चुनूंगी। यह घटना कोंडागांव के बाद अन्य जिलों में भी आत्मसमर्पणों की श्रृंखला का हिस्सा है, जहां अक्टूबर माह में ही दर्जनों नक्सली हथियार छोड़ चुके हैं।
Naxalite Surrender: बीजापुर मुठभेड़, गंगालूर एरिया कमेटी का सदस्य ढेर
पिछले सप्ताह बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के गमपुर-पुरंगेल जंगलों में सुरक्षा बलों को नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली। सूचना पर डीआरजी, एसटीएफ और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने इलाके को घेर लिया और सर्च ऑपरेशन शुरू किया। नक्सलियों ने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिसका दो घंटे लंबे जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने करारा जवाब दिया। मुठभेड़ में 5 लाख रुपये के इनामी नक्सली आयतु पोड़ियाम (35) को मार गिराया गया।
Naxalite Surrender: हथियारों का जखीरा बरामद
आयतु गमपुर निवासी था और गंगालूर एरिया कमेटी (एसीएम) का सक्रिय सदस्य था। उसके पास से भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद किए गए, जिनमें एके-47 राइफल, ग्रेनेड और आईईडी मटेरियल शामिल हैं। बीजापुर एसपी ने बताया कि आयतु कई हमलों का मास्टरमाइंड था और उसके सफाए से क्षेत्रीय नक्सल गतिविधियां कमजोर पड़ेंगी। इस साल अब तक बस्तर में 227 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया जा चुका है, जो पिछले वर्ष से 30 प्रतिशत अधिक है। सुरक्षा बलों के आईजी सुंदरराज पी ने इसे “ऑपरेशन कागर” की सफलता बताया, जो नक्सल गढ़ों को ध्वस्त करने पर केंद्रित है।
नक्सल उन्मूलन की व्यापक रणनीति: आत्मसमर्पण और कार्रवाइयों से बदलाव
ये घटनाएं छत्तीसगढ़ सरकार की दोहरी रणनीति (कठोर कार्रवाई और पुनर्वास) की सफलता का प्रमाण हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित है। बस्तर में 78 माओवादियों के सामूहिक आत्मसमर्पण और कांकेर में 100 से अधिक की संभावित सरेंडर की खबरें नक्सल संगठन के विघटन को रेखांकित करती हैं। हालांकि, चुनौतियां बरकरार हैं, जहां आईईडी हमले और जंगल की दुर्गमता सुरक्षा बलों के लिए खतरा बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि विकास परियोजनाओं (जैसे सड़कें, स्कूल और अस्पताल) को गति देकर आदिवासी समुदायों को जोड़ना लंबे समय तक शांति सुनिश्चित करेगा।
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