Naxalite Encounter: छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षाबलों को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। मंगलवार, 15 अप्रैल को कोंडागांव और नारायणपुर जिले की सीमा पर स्थित किलम-बुरगुम के घने जंगलों में हुई मुठभेड़ में दो कुख्यात नक्सली कमांडर मारे गए। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से माओवादियों के शवों के साथ हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए हैं। कोंडागांव-नारायणपुर सीमा पर हुए इस ऑपरेशन से यह स्पष्ट है कि सुरक्षाबल अब नक्सलियों को उनके सुरक्षित ठिकानों में भी ढूंढ निकालने में सक्षम हो गए हैं। दो इनामी नक्सलियों के मारे जाने से माओवादी संगठन को रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक दोनों ही स्तर पर झटका लगा है। वहीं, सुरक्षा बलों के लिए यह मनोबल बढ़ाने वाली बड़ी सफलता है।
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Naxalite Encounter: इनामी नक्सली कमांडर हलदर और रामे मारे गए
मारे गए नक्सलियों की पहचान बस्तर ईस्ट डिवीजन के खतरनाक माओवादी कमांडर डीवीसीएम हलदर और एसीएम रामे के रूप में हुई है। हलदर पर आठ लाख और रामे पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। दोनों लंबे समय से बस्तर क्षेत्र में सक्रिय थे और कई बड़े नक्सली हमलों में शामिल रहे थे। मुठभेड़ में इनकी मौत से बस्तर रेंज में नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका माना जा रहा है।
Naxalite Encounter: डीआरजी और बस्तर फाइटर्स की भूमिका
कोंडागांव डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम ने यह ऑपरेशन गुप्त सूचना के आधार पर चलाया। किलम-बुरगुम क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी की खबर मिलते ही सुरक्षाबलों की टीम वहां सर्च ऑपरेशन पर रवाना हुई थी। मंगलवार शाम को जंगल में घात लगाए बैठे माओवादियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने दो माओवादियों को ढेर कर दिया।
Naxalite Encounter: हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद
घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने एक एके-47 राइफल, एक अन्य हथियार, भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और नक्सलियों के दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की हैं। बरामद सामग्री से यह स्पष्ट होता है कि नक्सली किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में थे। सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया है और गहन तलाशी अभियान अभी भी जारी है।
बस्तर रेंज के IG ने की पुष्टि
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) पी. सुंदरराज ने इस मुठभेड़ की पुष्टि की है और इसे सुरक्षाबलों की एक बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ चल रहे अभियान को और तेज किया जाएगा। उनका कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का दबाव लगातार बढ़ रहा है, और आने वाले दिनों में और भी सफलता की उम्मीद है।
बीजापुर में भी मारे गए थे तीन इनामी नक्सली
गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में भी सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। उस मुठभेड़ में भी तीन नक्सली मारे गए थे, जिनमें एक महिला माओवादी भी शामिल थी। मारे गए नक्सलियों में पांच लाख के इनामी माटवाड़ा एलओएस कमांडर एसीएम अनिल पूनेम, एक-एक लाख के इनामी नक्सली पालो पोड़ियाम और दीवान मड़कम शामिल थे। अनिल पूनेम को अम्बेली ब्लास्ट का मास्टरमाइंड माना जाता है और वह लंबे समय से सुरक्षाबलों के लिए सिरदर्द बना हुआ था।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऑपरेशन तेज
छत्तीसगढ़ के बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कोंडागांव जैसे नक्सल प्रभावित जिलों में सुरक्षाबलों द्वारा लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। इन अभियानों का उद्देश्य नक्सल गतिविधियों को रोकना, उनके नेटवर्क को तोड़ना और क्षेत्र में शांति स्थापित करना है। लगातार हो रही मुठभेड़ों और सफल ऑपरेशनों से स्पष्ट है कि नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का दबाव लगातार बढ़ रहा है और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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