Naxalite Encounter: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में वर्षों से सक्रिय नक्सलियों को इस साल का सबसे बड़ा झटका देते हुए सुरक्षा बलों ने बीजापुर जिले के केशकुतुल जंगलों में एक बड़ी सफलता हासिल की है। बुधवार को शुरू हुए मुठभेड़ अभियान में अब तक कुल 18 नक्सली मारे गए हैं। गुरुवार सुबह घटनास्थल की तलाशी के दौरान छह और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या 12 से बढ़कर 18 हो गई। सुरक्षा एजेंसियां इसे हाल के वर्षों का सबसे प्रभावशाली और व्यापक एंटी-नक्सल ऑपरेशन बता रही हैं।
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Naxalite Encounter: विशेष खुफिया सूचना पर शुरू हुई थी कार्रवाई
यह मुठभेड़ बुधवार सुबह तब शुरू हुई जब जिला रिजर्व गार्ड (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF), सीआरपीएफ (CRPF) के कोबरा कमांडो और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने विशेष खुफिया इनपुट के आधार पर गंगालूर थानाक्षेत्र में एक बड़े सर्च ऑपरेशन का प्लान बनाया। सूत्रों के अनुसार, माना जा रहा था कि पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) कंपनी नंबर-2 की एक बड़ी टीम, साथ ही भैरमगढ़ और गंगालूर एरिया कमेटी के शीर्ष नक्सली एकत्रित हैं।
Naxalite Encounter: नक्सलियों ने की अचानक फायरिंग, कई घंटे चली मुठभेड़
जैसे ही सुरक्षा बल जंगलों के अंदर बढ़े, छिपे हुए नक्सलियों ने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद दोनों ओर से भारी गोलाबारी हुई और मुठभेड़ कई घंटों तक चली। सुरक्षा बल संख्या में कम होने और नक्सलियों के ऑटोमैटिक हथियारों तथा आईईडी के जोखिम के बावजूद अत्यंत साहस और रणनीति के साथ आगे बढ़े। अंततः जवानों ने 18 नक्सलियों को ढेर कर दिया और क्षेत्र को अपने नियंत्रण में ले लिया।
Naxalite Encounter: हथियारों और विस्फोटक का बड़ा जखीरा भी बरामद
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों को ऑटोमैटिक हथियार, भारी मात्रा में गोला-बारूद, आईईडी सामग्री, विस्फोटक, और कई नक्सली सामग्रियां मिली हैं। बीजापुर पुलिस का कहना है कि बरामद सामग्री से स्पष्ट होता है कि नक्सली एक बड़े हमले की योजना बना रहे थे।
Naxalite Encounter: मारे गए नक्सलियों की पहचान जारी
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि सभी शवों को बरामद कर लिया गया है और उनकी पहचान की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा, ‘पहचान पूरी होने के बाद मारे गए नक्सलियों के नाम, रैंक और उन पर दर्ज मामलों की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।’ पुलिस और सुरक्षा बल अब आसपास के घने जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं, ताकि मुठभेड़ के दौरान भागे हुए नक्सलियों को भी पकड़ा जा सके।
तीन जवान शहीद – बीजापुर में दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि
इस बहादुर ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की, लेकिन राष्ट्र ने तीन बहादुर जवान भी खो दिए। हेड कांस्टेबल मोनू मोहन बद्दी, कांस्टेबल दुकारू गोंडे और जिला रिजर्व गार्ड के जवान रमेश सोडी सभी ने साहस के साथ लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। गुरुवार को उनके पार्थिव शरीर बीजापुर मुख्यालय लाए गए, जहां बीजापुर-गंगालूर रोड स्थित पुलिस लाइन शहीद वाटिका में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों, जवानों और स्थानीय नागरिकों ने पुष्पांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखा।
वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध बड़ा संदेश
विशेषज्ञों के अनुसार, यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय बलों के लिए वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लगातार चल रही लड़ाई में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह मुठभेड़ बताती है कि सुरक्षा बल नक्सलियों के हर ठिकाने पर रणनीतिक और सटीक कार्रवाई करने में सक्षम हैं। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क के अन्य स्तरों पर भी कार्रवाई जारी रहेगी, ताकि बस्तर क्षेत्र में शांति एवं विकास की गति को मजबूत बनाया जा सके।
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