Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों को नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है। तेलंगाना स्टेट कमेटी के कुख्यात सदस्य और 25 लाख रुपये के इनामी नक्सली आदेलु उर्फ भास्कर को सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। ‘ऑलआउट’ मिशन के तहत यह 24 घंटे में दूसरी बड़ी कामयाबी है, जिसने नक्सली संगठन के अंदर हड़कंप मचा दिया है।
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Naxal Encounter: 24 घंटे में दूसरी बड़ी सफलता
जानकारी के अनुसार, ऑपरेशन लगातार दो दिन से बीजापुर के नेशनल पार्क क्षेत्र में चल रहा है। शुक्रवार को सुरक्षा बलों को दोपहर में नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना मिली, जिसके बाद डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम ने घेराबंदी कर मुठभेड़ शुरू की। करीब तीन घंटे चली गोलीबारी के बाद सुरक्षा बलों को भास्कर का शव मिला और उसकी पहचान की गई। घटनास्थल से एके-47 राइफल बरामद हुई है।
Naxal Encounter: नक्सली संगठन को बड़ा झटका
बताया जा रहा है कि भास्कर को उसी इलाके में मार गिराया गया, जहां गुरुवार को सीपीआई (माओवादी) के सेंट्रल कमेटी मेंबर सुधाकर को ढेर किया गया था। दोनों ही घटनाएं नक्सली संगठन के लिए तगड़ा झटका मानी जा रही हैं। भास्कर की पत्नी और नक्सली कमांडर अनिता भी घटनास्थल पर मौजूद थी, लेकिन वह फरार हो गई।
Naxal Encounter: कुख्यात और खतरनाक था भास्कर
भास्कर आदिलाबाद जिला कमेटी का सचिव था और तेलंगाना में मोस्ट वांटेड नक्सलियों की सूची में शामिल था। उस पर कई बड़े हमलों की साजिश रचने और अमल में लाने के आरोप थे। पिछले कुछ वर्षों में उसने बस्तर, बीजापुर और सीमावर्ती तेलंगाना क्षेत्रों में नक्सली हिंसा को अंजाम दिया था। उसकी मौत से संगठन को रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान हुआ है।
सीएम साय ने शाह को दी जानकारी
इधर रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और माओवादी विरोधी अभियानों की जानकारी दी। सीएम ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में 205 मुठभेड़ों में 427 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें शीर्ष कमांडर बसवा राजू, सुधाकर और भास्कर जैसे कुख्यात नक्सली शामिल हैं। साथ ही बस्तर अंचल में 64 नए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) की स्थापना से सुरक्षा तंत्र मजबूत हुआ है।
दंतेवाड़ा में सात नक्सलियों का आत्मसमर्पण
इधर, नक्सल ऑपरेशन से डरे सात नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में सरेंडर कर दिया। इनमें दो नक्सलियों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पण करने वालों में जुगलू उर्फ सुंडुम कोवासी और दशा उर्फ बुरकू शामिल हैं, दोनों बीजापुर के मिरतुर थाना क्षेत्र के सक्रिय नक्सली थे। इनके साथ भोजा राम माड़वी (बस्तर), लखमा (दंतेवाड़ा), रातू कोवासी (बीजापुर), सुखराम पोडिय़ाम (बीजापुर) और पंडरू राम पोडिय़ाम (नारायणपुर) ने भी हथियार छोड़े।
इन नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि भी दी गई। अधिकारियों के अनुसार, दंतेवाड़ा जिले में अब तक 991 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं, जो सरकार और सुरक्षा बलों की संयुक्त रणनीति की सफलता को दर्शाता है।
नक्सलियों में खौफ का माहौल
लगातार हो रही मुठभेड़ों और ऑपरेशनों की सफलता से नक्सली संगठन में भारी दहशत है। जानकारों का मानना है कि सुरक्षा बलों की रणनीति अब नक्सलियों की रीढ़ पर सीधा हमला कर रही है, जिससे उनके नेटवर्क में सेंध लग रही है।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और कई नक्सली सरेंडर कर सकते हैं या फिर मुठभेड़ों में ढेर किए जा सकते हैं। बस्तर, बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर जैसे संवेदनशील जिलों में सुरक्षा बलों की पैठ और सक्रियता लगातार बढ़ रही है।
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