Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिलों में सुरक्षाबलों को गुरुवार को बड़ी कामयाबी मिली, जब दो अलग-अलग मुठभेड़ों में 30 नक्सली मार गिराए गए। इनमें 26 नक्सली बीजापुर में और 4 कांकेर में मारे गए। इस कार्रवाई के दौरान एक डीआरजी जवान शहीद हो गया। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए हैं, जिनमें ऑटोमेटिक और सेमी-ऑटोमेटिक हथियार शामिल हैं। सुरक्षा बलों का कहना है कि बीजापुर और कांकेर के इन इलाकों में अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा। मुठभेड़ के दौरान कुछ नक्सली भागने में सफल रहे, जिन्हें पकड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया गया है।
Table of Contents
Naxal Encounter: कैसे हुआ ऑपरेशन?
बीजापुर और दंतेवाड़ा के सीमावर्ती इलाके में गंगालूर थाना क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने माओवादी विरोधी अभियान छेड़ा था। इस दौरान अचानक माओवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाला और घंटों चली इस मुठभेड़ में 26 नक्सली मारे गए। वहीं, कांकेर जिले में भी सुरक्षाबलों ने चार माओवादियों को ढेर कर दिया।
छत्तीसगढ़ के आईजी पी. सुंदरराज ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि इलाके में तलाशी अभियान अभी भी जारी है। नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में सुरक्षाबलों की टीम अलर्ट मोड पर है और आगे की रणनीति बनाई जा रही है।
Naxal Encounter: ऑटोमेटिक हथियार और गोला-बारूद बरामद
सुरक्षाबलों को मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार मिले हैं। बरामद हथियारों में इंसास राइफल, 303 और 315 बोर की गन, 12 बोर बंदूकें और अन्य आधुनिक हथियार शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस ऑपरेशन में बरामद हथियारों से यह स्पष्ट है कि माओवादी बड़ी साजिश की फिराक में थे, लेकिन समय रहते सुरक्षाबलों ने उन्हें नाकाम कर दिया।
Naxal Encounter: तीन महीने में 130 नक्सली ढेर, 10 जवानों की शहादत
छत्तीसगढ़ में पिछले तीन महीनों में सुरक्षाबलों ने 130 नक्सलियों को मार गिराया है। हालांकि, इस दौरान 10 जवानों ने भी अपने प्राण न्योछावर किए। बीजापुर के कुटरू में 6 जनवरी को हुए आईईडी ब्लास्ट में 8 जवान शहीद हो गए थे, जबकि अबूझमाड़ के जंगलों में 4 जनवरी को मुठभेड़ के दौरान एक डीआरजी जवान शहीद हुआ था।
Naxal Encounter: सुरक्षा बलों की बहादुरी की सराहना
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने इस ऑपरेशन को सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता करार दिया है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “बीजापुर के गंगालूर क्षेत्र में विशेष अभियान के तहत 26 नक्सलियों को मार गिराया गया, जबकि कांकेर और नारायणपुर क्षेत्र में 4 अन्य नक्सली ढेर हुए। यह ऑपरेशन सुरक्षा बलों के ठोस प्रयासों का नतीजा है। जवानों की बहादुरी और शक्ति के कारण यह संभव हो सका है।”
वहीं, उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी इस ऑपरेशन को नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक बड़ी जीत बताया। उन्होंने कहा, “हमारे सुरक्षा बल के जवान लगातार नक्सलवाद के खात्मे के लिए काम कर रहे हैं। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि हम नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए संकल्पित हैं।”
Naxal Encounter: केंद्र सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति का असर
अरुण साव ने इस ऑपरेशन के लिए केंद्र सरकार की नीतियों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही सख्त नीति का नतीजा है। उन्होंने दावा किया कि “मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से सशस्त्र नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो जाएगा और बस्तर क्षेत्र में विकास और शांति आएगी।”
Naxal Encounter: पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंह देव ने भी की कार्रवाई की तारीफ
छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता टी.एस. सिंह देव ने भी इस ऑपरेशन की सराहना की। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद कानून-व्यवस्था से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा है और इस पर प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दशकों में सरकारें नक्सलवाद को खत्म करने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाई थीं, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। सरकार की ओर से उठाए गए ठोस कदमों और सैनिक बलों की बेहतर तैनाती के चलते अब नक्सलियों पर प्रभावी कार्रवाई हो रही है।”
पंजाब पुलिस ने एक साल बाद शंभू बॉर्डर से प्रदर्शनकारी किसानों क्यों हटाया? क्या है इसका केजरीवाल कनेक्शन? जानिए अंदर की कहानी