Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान को बड़ी सफलता मिली है। राज्य सरकार की पुनर्वास नीति और ‘लोन वर्राटू’ (घर वापस आइए) अभियान के तहत रविवार को 26 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में तीन इनामी नक्सली भी शामिल हैं, जिन पर कुल 4.5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इस आत्मसमर्पण से यह स्पष्ट है कि माओवादी संगठनों की पकड़ अब कमजोर हो रही है और नक्सली रास्ता छोड़कर शांति और विकास के रास्ते को चुन रहे हैं। सुरक्षा बलों और प्रशासन का यह प्रयास, आने वाले समय में और अधिक सकारात्मक परिणाम ला सकता है। ये नक्सली सड़क खोदने, बैनर-पोस्टर लगाने जैसी घटनाओं में शामिल थे।
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26 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया
आत्मसमर्पण की यह प्रक्रिया दंतेवाड़ा जिले के डीआरजी कार्यालय में पूरी की गई, जहां जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने की घोषणा की। इनमें आमदई एरिया जनमिलिशिया कमांडर, गमपुर आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष और कई मिलिशिया व डीएकेएमएस के सदस्य शामिल हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली संगठन के भीतर बढ़ते मतभेद, हिंसा और शोषण से तंग आ चुके थे। उन्होंने स्वीकार किया कि जंगल में जीवन कठिन होता जा रहा था और संगठन की विचारधारा अब उन्हें अमानवीय और दिशाहीन लगने लगी थी।
Chhattisgarh: पुनर्वास नीति से मिलेगा नया जीवन
राज्य सरकार की नवनिर्मित पुनर्वास नीति के तहत प्रत्येक आत्मसमर्पण करने वाले को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके साथ ही उन्हें स्किल डेवलपमेंट का प्रशिक्षण, कृषि भूमि, रोजगार के अवसर और अन्य मूलभूत सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
Chhattisgarh: अब तक 953 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके
‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत अब तक 953 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिनमें 224 इनामी नक्सली भी शामिल हैं। यह अभियान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संवाद, विश्वास और विकास का माध्यम बन चुका है।
तीन इनामी नक्सली जो मुख्यधारा में लौटे:
- राजेश कश्यप उर्फ गमसन कश्यप – आमदई एरिया कमेटी जनमिलिशिया कमांडर (इनाम ₹3 लाख)
- कोसा माड़वी – गमपुर आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष (इनाम ₹1 लाख)
- छोटू कुंजाम – सीएनएम सदस्य (इनाम ₹50 हजार)
आत्मसमर्पण करने वाले अन्य प्रमुख सदस्य:
- बेचापाल आरपीसी के 20 से अधिक मिलिशिया, सीएनएम, डीएकेएमएस और जंगल शाखा के सदस्य
- केशकुत्तुल आरपीसी के तीन सदस्य, जिनमें मिलिशिया कमांडर, डीएकेएमएस और जनमिलिशिया सेक्शन कमांडर शामिल
- गुड़से पंचायत का एक डीएकेएमएस सदस्य
Chhattisgarh: बस्तर आईजी और दंतेवाड़ा एसपी ने की सराहना
बस्तर रेंज के आईजी और दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक ने इस आत्मसमर्पण को नक्सल विरोधी अभियान के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है। अधिकारियों ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार की पुनर्वास नीति, जन संवाद और सुरक्षा बलों की रणनीति कारगर सिद्ध हो रही है।
समाज में लौटने का रास्ता दिखा रहा ‘लोन वर्राटू’
‘लोन वर्राटू’ अभियान की शुरुआत 2020 में दंतेवाड़ा जिले से की गई थी, जिसका उद्देश्य था नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना। अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर नक्सल प्रभावित युवाओं को पुनर्वास और आत्मसमर्पण के लाभों की जानकारी दी जाती है।
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