Anti Naxal Operations: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़े ऑपरेशन में जवानों को बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षाबलों ने जिले के अलग-अलग इलाकों से 9 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। इसके बारे में जानकारी देते हुए सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने इसकी पुष्टि की है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र में अलग-अलग कार्रवाई में इनको पकड़ा है। पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी है कि 23 जून को छत्तीसगढ़ के जगरगुंडा थाना क्षेत्र में बारूदी सुरंग में विस्फोट कर पुलिस वाहन को उड़ाने की घटना में नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना मिली थी।
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टेकलगुड़ा ब्लास्ट में शामिल थे 4 नक्सली
रविवार को सूचना मिलने पर सुरक्षाबलों के संयुक्त दल को टेकलगुड़े और आसपास के क्षेत्र की ओर रवाना हुए। संयुक्त अभियान में जिला बल, डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), सीआरपीएफ की 150वीं बटालियन और कोबरा 201 बटालियन शामिल थे। अभियान के दौरान तीमापुरम और टेकलगुड़े के बीच जंगल में सुरक्षाबलों ने चार संदिग्ध नक्सलियों को गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है कि यह नक्सली बीते माह 23 जून को बारूदी सुरंग विस्फोट में पुलिस वाहन को उड़ाने में लिप्त थे। इस हादसे में में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कोबरा बटालियन के दो जवान शहीद हो गए। वहीं कुछ जवान घायल भी हुए थे, जिनको अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
इस प्रकार हुई नक्सलियों की पहचान
बताया जा रहा है कि अभियान के दौरान तीमापुरम एवं टेकलगुड़ेम के मध्य जंगल में सादे वेश-भूषा धारण किये कुछ संदिग्ध लोग नजर आए थे। जवानों ने घेराबंदी कर 4 संदिग्धों को पकड़ लिया था। पुलिस के अनुसार, पकड़े गए संदिग्ध व्यक्तियों ने अपना नाम कुंजाम रामा, बारसे बिच्चेम, कुंजाम जोगा व कुंजाम भीमा बताया। इन सभी को हिरासत में लेकर न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेज दिया है।
इस वर्ष मुठभेड़ में मारे गए 137 नक्सली
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार आने के बाद से नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज हुए। 32 नए कैंप खोले गए। इस वर्ष जनवरी से अब तक बस्तर के कोर इलाके में फोर्स की नक्सलियों से 72 मुठभेड़ हो चुकी हैं, जिसमें 137 नक्सली मारे गए हैं। अकेले अबूझमाड़ में ही 71 नक्सली मारे गए हैं, जो यह दर्शाता है कि फोर्स का पूरा फोकस इस वक्त अबूझमाड़ पर है। नक्सलियों की अघोषित राजधानी अबूझमाड़ में फोर्स नक्सलियों का प्रभाव कम करने में जुटी हुई है।
नक्सलियों के खात्मे का काउंटडाउन शुरू
बस्तर के नक्सल इतिहास में कभी इतनी बड़ी संख्या में नक्सली नहीं मारे गए थे, जितने पिछले छह महीने में मारे गए हैं। वहीं 400 से अधिक नक्सलियों ने सरेंडर किया है। आमतौर पर एक साल में औसतन 500 समर्पण हुआ करते थे, लेकिन इस साल 6 महीने में ही यह आंकड़ा 400 तक पहुंच चुका है।