Anti Naxal Operation: लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म के खिलाफ बड़ी सफलता में बीजापुर जिले की भैरमगढ़ पुलिस और बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (BDDS) ने गुरुवार को चिहका-उसपारी रोड पर माओवादियों द्वारा लगाए गए 10 किलोग्राम के खतरनाक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का पता लगाया और उसे मौके पर ही सुरक्षित नष्ट कर दिया। यह सड़क सुरक्षाबलों के काफिले और ग्रामीणों द्वारा लगातार इस्तेमाल की जाती है।
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Anti Naxal Operation: उसपारी गांव के पास मिला स्टील का टिफिन बॉक्स
ऑपरेशन भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के उसपारी गांव के पास चलाया गया। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि जॉइंट टीम रूटीन एरिया डोमिनेशन और सर्चिंग कर रही थी, तभी जवानों की नजर जमीन से असामान्य तरीके से निकली बिजली की तार पर पड़ी। स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का पालन करते हुए टीम ने तुरंत इलाके को घेर लिया और सघन तलाशी शुरू की। कुछ ही मिनटों में मिट्टी के नीचे दबा एक स्टील का टिफिन बॉक्स बरामद हुआ।
Anti Naxal Operation: कमांड से चलने वाला 10 किलो का IED
जांच में पता चला कि टिफिन बॉक्स में करीब 10 किलोग्राम विस्फोटक भरा हुआ था। यह कमांड-इनिशिएटेड IED था, जो इलेक्ट्रिक डेटोनेटर सर्किट से जुड़ा था और दूर से ही ट्रिगर किया जा सकता था। माओवादियों ने इसे खास तौर पर सुरक्षाबलों के काफिले या आम वाहनों को निशाना बनाने के लिए प्लांट किया था।
Anti Naxal Operation: BDDS टीम ने मौके पर किया डिफ्यूज
सूचना मिलते ही बीजापुर BDDS टीम मौके पर पहुंची। अत्यधिक सावधानी बरतते हुए जवानों ने खतरनाक डिवाइस को सफलतापूर्वक डिफ्यूज कर मौके पर ही नष्ट कर दिया। न्यूट्रलाइजेशन प्रक्रिया के दौरान कोई हताहत या नुकसान नहीं हुआ।
Anti Naxal Operation: माओवादी हमले की बड़ी साजिश नाकाम
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह IED नई बनी सड़क पर रखा गया था, जिसका इस्तेमाल सुरक्षाबल और ग्रामीण करते हैं। अगर यह फटता तो बड़ा नुकसान हो सकता था। इस कार्रवाई से एक भयानक माओवादी हमला नाकाम हो गया। बीजापुर SP जितेंद्र यादव ने पेट्रोलिंग टीम की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई की सराहना की।
माओवादियों की कमर टूट रही, इलाके में सिक्योरिटी ग्रिड मजबूत
बीजापुर पुलिस ने बताया कि लगातार एंटी-माओवादी ऑपरेशन, सड़क निर्माण और एरिया डोमिनेशन एक्सरसाइज के कारण CPI (माओवादी) कैडरों की आवाजाही और ऑपरेशनल स्पेस काफी सिमट गया है। पिछले कुछ महीनों में दर्जनों IED बरामद कर नष्ट किए जा चुके हैं। नई सड़कों और कैंपों के कारण माओवादी अब पहले की तरह बड़े हमले करने में असमर्थ हो रहे हैं।
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