Pulses Price: भारत में हाल के महीनों में दालों की कीमतों में वृद्धि के चलते उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है। इस स्थिति को देखते हुए, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने देश में दालों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए “भारत ब्रांड” के तहत सब्सिडी वाली सस्ती दाल उपलब्ध करवाने की योजना का विस्तार किया है। इस पहल के तहत सरकार बाजार से 20-25 प्रतिशत कम कीमत पर दालें बेच रही है। इस कार्यक्रम में अब साबुत चना और मसूर दाल को भी शामिल किया गया है, जिन्हें उपभोक्ता सस्ते दामों पर खरीद सकते हैं। इसका उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को राहत पहुंचाना और घरेलू बजट पर बढ़ते बोझ को कम करना है।
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सस्ती दालों का लाभ
सरकार की इस पहल के तहत उपभोक्ताओं को सस्ती दालें उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न दालों की कीमतों में छूट दी गई है। इस योजना के अंतर्गत, निम्नलिखित दालें निर्धारित दरों पर खरीदी जा सकेंगी।
- साबुत चना: 58 रुपये प्रति किलोग्राम
- चना दाल: 70 रुपये प्रति किलोग्राम
- मूंग दाल: 107 रुपये प्रति किलोग्राम
- साबुत मूंग दाल: 93 रुपये प्रति किलोग्राम
- मसूर दाल: 89 रुपये प्रति किलोग्राम
इन दालों की खरीद कॉपरेटिव रिटेल नेटवर्क और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से की जा सकेगी, जिससे उपभोक्ताओं को दालों की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी।
मोबाइल वैन के जरिए भी सस्ती दालों की बिक्री
‘भारत दाल’ पहल के दूसरे चरण के तहत अब मोबाइल वैन के जरिए भी सस्ती दालों की बिक्री की जाएगी, जिससे अधिक उपभोक्ताओं तक पहुंचने में मदद मिलेगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस पहल की शुरुआत के दौरान कहा, यह पहल उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर आवश्यक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। इस योजना का उद्देश्य आम जनता को बढ़ती कीमतों के बीच राहत प्रदान करना है और सस्ती दालें मोबाइल वैन के माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाई जाएंगी। यह कदम दालों की उपलब्धता में सुधार और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
‘भारत दाल’ के दूसरे चरण की हुई शुरुआत
‘भारत दाल’ पहल के दूसरे चरण में, सरकार राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड), और केंद्रीय भंडार जैसी प्रमुख सहकारी समितियों और अन्य चैनलों के माध्यम से उपभोक्ताओं को सस्ती दालें उपलब्ध करा रही है। इस योजना के तहत, सरकार मूल्य स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से अपने बफर स्टॉक से दालों की बिक्री कर रही है।
3 लाख टन चना और 68,000 टन मूंग का आवंटन
इस प्रयास के तहत, सरकार ने खुदरा वितरण के लिए 3 लाख टन चना और 68,000 टन मूंग का आवंटन किया है। यह पहल देश में दालों की कीमतों में स्थिरता लाने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
रबी फसल से 4.7 लाख टन प्याज खरीदा
‘भारत दाल’ की बिक्री के दोबारा शुरू होने से त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं के लिए दालों की आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद है। इससे न केवल कीमतों में स्थिरता आएगी, बल्कि बढ़ी हुई मांग को पूरा करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, सरकार ने सस्ती सब्जियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए हैं। एनसीसीएफ और नेफेड के माध्यम से सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण बफर के तहत रबी फसल से 4.7 लाख टन प्याज खरीदा है।
एनसीसीएफ की 21 राज्यों में 77 केंद्रों पर, नेफेड की 16 राज्यों में 43 केंद्रों पर प्याज की बिक्री
सरकार ने 5 सितंबर से अपने बफर स्टॉक से प्याज का निपटान शुरू किया है, और अब तक 1.15 लाख टन प्याज बेचा जा चुका है। इस वितरण अभियान को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए एनसीसीएफ ने 21 राज्यों में 77 केंद्रों पर और नेफेड ने 16 राज्यों में 43 केंद्रों पर प्याज की बिक्री की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्याज की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण रखना और उपभोक्ताओं को राहत देना है, विशेष रूप से त्योहारी सीजन के दौरान जब मांग बढ़ती है।