Paytm: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा को कारण बताओ नोटिस भेजा है। यह नोटिस सेबी द्वारा पेटीएम की एक सहायक कंपनी के संदर्भ में जारी किया गया है। सेबी के नोटिस का उद्देश्य सीईओ से कुछ कथित अनियमितताओं पर स्पष्टीकरण मांगना है। सेबी के नोटिस के बाद पेटीएम और उसके सीईओ पर बड़ा संकट मंडराता नजर आ रहा है। इस स्थिति से पेटीएम की साख और उसके शेयरधारकों के बीच चिंता पैदा हो सकती है। कंपनी की ओर से इस पर प्रतिक्रिया आना बाकी है, लेकिन यह मामला पेटीएम के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर अगर सेबी की जांच में कोई बड़ी अनियमितता पाई जाती है।
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सेबी के नोटिस के बाद कंपनी के शेयर में गिरावट
सेबी ने पेटीएम की पेरेंट कंपनी, वन 97 कम्युनिकेशंस, को नवंबर 2021 में हुए उनके IPO के दौरान तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद पेटीएम के शेयर में बाजार में 9 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई, और कारोबार के अंत में यह 4.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 530 रुपये पर बंद हुआ।
पेटीएम की साख पर और दबाव
इस साल की शुरुआत से पेटीएम का शेयर मूल्य करीब 40 प्रतिशत तक गिर चुका है, जो कंपनी और उसके निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। सेबी की इस कार्रवाई से पेटीएम की साख पर और दबाव बढ़ सकता है, और कंपनी को निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए संभावित रूप से अतिरिक्त पारदर्शिता और सुधारात्मक कदम उठाने पड़ सकते हैं।
कंपनी बोली तिमाही नतीजों में दे चुके हैं डिस्क्लोजर
पेटीएम ने स्पष्ट किया है कि कंपनी को मार्च 2024 तिमाही के दौरान सेबी का नोटिस मिला था और उन्होंने प्रारंभिक प्रतिक्रिया देकर मामले का समाधान कर लिया है। कंपनी ने इस नोटिस के संबंध में मार्च 2024 और जून 2024 तिमाही के नतीजों के दौरान आवश्यक डिस्क्लोजर भी किया है।
पेटीएम के सामने बढ़ सकती चुनौतियां
सेबी के नए नोटिस के बाद पेटीएम के लिए अपने भुगतान एग्रीगेटर लाइसेंस को बहाल करना मुश्किल हो सकता है। इस नोटिस से नियामकीय चुनौतियां बढ़ सकती हैं, जो लाइसेंसिंग प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, पेटीएम को हाल ही में सरकार से इस लाइसेंस के लिए आवेदन करने की मंजूरी मिली है, लेकिन सेबी के नोटिस के चलते नियामकीय निगरानी और सख्त हो सकती है, जिससे लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया और जटिल हो सकती है।