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Saturday, July 5, 2025
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ITR: टैक्सपेयर्स को नए साल का तोहफा, CBDT ने संशोधित ITR दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाई

ITR: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने करदाताओं को राहत देते हुए संशोधित आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर अब 15 जनवरी 2025 कर दी है।

ITR: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने करदाताओं को राहत देते हुए संशोधित आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 से बढ़ाकर अब 15 जनवरी 2025 कर दी है। यह कदम उन करदाताओं के लिए फायदेमंद है जो वित्त वर्ष 2023-24 के लिए समय पर अपना ITR फाइल नहीं कर पाए थे या उन्हें अपने पहले से फाइल किए गए रिटर्न में संशोधन करना है।

पहले अंतिम तारीख थी 31 दिसंबर

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ITR फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 थी। जो करदाता इस समयसीमा तक ITR फाइल नहीं कर पाए थे, वे लेट फीस के साथ 31 दिसंबर 2024 तक रिवाइज्ड ITR फाइल कर सकते थे। अब संशोधित ITR फाइल करने की नई अंतिम तिथि 15 जनवरी 2025 है।

कौन फाइल कर सकता है?

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीएसटी वार्षिक रिटर्न (GSTR-9) फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 निर्धारित की गई है। यह रिटर्न जीएसटी रजिस्टर्ड करदाताओं के लिए अनिवार्य है।सभी जीएसटी रजिस्टर्ड करदाताओं के लिए GSTR-9 फाइल करना अनिवार्य है। जिन करदाताओं ने कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुना है, वे GSTR-9A फाइल करेंगे। वित्त वर्ष के दौरान किए गए सभी इनवॉइस, डेबिट और क्रेडिट नोट्स, टैक्स पेमेंट्स, और रिवर्स चार्ज से संबंधित विवरण शामिल करना होता है। यह रिटर्न करदाता द्वारा महीनेवार फाइल किए गए रिटर्न (GSTR-1, GSTR-3B) का समेकन होता है।

लेट फीस:

समय सीमा के बाद आईटीआर फाइल करने वाले करदाताओं पर 5,000 रुपये का जुर्माना है। 5 लाख रुपये से कम आय वाले करदाताओं के लिए यह जुर्माना राशि 1,000 रुपये है। जिन करदाताओं का वार्षिक टर्नओवर 5 करोड़ रुपए से अधिक है, उन्हें GSTR-9C भी फाइल करना होगा, जो एक ऑडिट रिपोर्ट होती है।

फाइलिंग की प्रक्रिया:

  • जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन करें।
  • “Annual Return” सेक्शन में जाकर फॉर्म GSTR-9 भरें।
  • आवश्यक विवरण जैसे बिक्री, खरीद, टैक्स पेमेंट, और अन्य एडजस्टमेंट दर्ज करें।
  • फॉर्म को वेरीफाई करके सबमिट करें।

फाइलिंग की कैटेगरी:

2 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसाय: इन्हें GSTR-9 फाइल करना अनिवार्य है।

कंपोजिशन स्कीम के तहत करदाता: इनके लिए GSTR-9A फाइल करना होता है। यह स्कीम छोटे व्यवसायों के लिए है जो एक निश्चित दर पर टैक्स का भुगतान करते हैं।

5 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसाय: इन्हें GSTR-9 के साथ-साथ GSTR-9C फाइल करना होता है। GSTR-9C में एक ऑडिट रिपोर्ट शामिल होती है और इसमें अतिरिक्त वार्षिक समाधान विवरण की आवश्यकता होती है।

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