Gopichand Hinduja: बिजनेस वर्ल्ड में ‘जीपी’ के नाम से मशहूर हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन और भारतीय मूल के अरबपति गोपीचंद पी. हिंदुजा का मंगलवार को लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया। 85 वर्षीय हिंदुजा लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर से वैश्विक कारोबारी जगत में शोक की लहर दौड़ गई। हिंदुजा ब्रदर्स में दूसरे सबसे बड़े भाई गोपीचंद ने मई 2023 में बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद ग्रुप की कमान संभाली थी। उनके नेतृत्व में हिंदुजा साम्राज्य ने नई ऊंचाइयों को छुआ।
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Gopichand Hinduja: लंबी बीमारी के बाद अंतिम सांस
परिवार के करीबी सूत्रों के अनुसार, गोपीचंद हिंदुजा पिछले कुछ महीनों से गंभीर रूप से अस्वस्थ थे। उन्हें लंदन के एक प्रमुख अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां मंगलवार सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। हिंदुजा ग्रुप ने आधिकारिक बयान जारी कर उनके निधन की पुष्टि की और कहा कि वे एक दूरदर्शी नेता, परोपकारी और परिवार के मजबूत स्तंभ थे। उनके अंतिम संस्कार की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन लंदन में ही परिवार की परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार होने की संभावना है।
Gopichand Hinduja: ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवार के मुखिया
संडे टाइम्स रिच लिस्ट 2025 के अनुसार, हिंदुजा परिवार ब्रिटेन का सबसे अमीर परिवार था, जिसकी कुल संपत्ति 32.3 बिलियन पाउंड (लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये) आंकी गई थी। गोपीचंद हिंदुजा को ब्रिटेन का सबसे धनी भारतीय मूल का व्यक्ति माना जाता था। लंदन में उनका परिवार रैफल्स होटल सहित कई प्रतिष्ठित रियल एस्टेट संपत्तियों का मालिक है। उनकी संपत्ति में लग्जरी होटल, बैंकिंग संस्थान और वैश्विक निवेश शामिल हैं।
Gopichand Hinduja: 11 सेक्टर्स में फैला कारोबार
हिंदुजा ग्रुप का कारोबार 38 देशों में फैला हुआ है और यह ऑटोमोटिव, आईटी, हेल्थकेयर, रियल एस्टेट, बैंकिंग एंड फाइनेंस, एनर्जी, पावर, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, साइबर सिक्योरिटी और ऑयल जैसे 11 प्रमुख सेक्टर्स में सक्रिय है। ग्रुप की प्रमुख कंपनियों में अशोक लीलैंड, गल्फ ऑयल इंटरनेशनल, इंडसइंड बैंक और हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस शामिल हैं। गोपीचंद के नेतृत्व में ही ग्रुप ने 1980 के दशक में गल्फ ऑयल और 2007 में अशोक लीलैंड का अधिग्रहण किया, जिसने भारतीय वाणिज्यिक वाहन उद्योग में क्रांति ला दी।
Gopichand Hinduja: 1950 में शुरू हुआ सफर, मुंबई से लंदन तक
गोपीचंद हिंदुजा का जन्म 1940 में हुआ था। उन्होंने मुंबई के जय हिंद कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 1950 के दशक में वे अपने पिता परमानंद दीपचंद हिंदुजा द्वारा शुरू किए गए परिवार के व्यापार में शामिल हुए। शुरुआत में ईरान में तेल और कपड़ा व्यापार से ग्रुप ने वैश्विक विस्तार किया। 1970 के दशक में लंदन शिफ्ट होने के बाद गोपीचंद ने ग्रुप को मल्टीनेशनल स्तर पर स्थापित किया। उनके बड़े भाई श्रीचंद, छोटे भाई प्रकाश और अशोक हिंदुजा के साथ मिलकर उन्होंने एकजुटता का उदाहरण पेश किया।
Gopichand Hinduja: भारत-ब्रिटेन संबंधों के मजबूत सेतु
लंदन में रहते हुए भी गोपीचंद हिंदुजा का दिल भारत से जुड़ा रहा। उन्होंने भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक, व्यावसायिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। हिंदुजा फाउंडेशन के माध्यम से उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तीकरण और ग्रामीण विकास के लिए करोड़ों रुपये दान किए। मुंबई में हिंदुजा अस्पताल और कई शैक्षणिक संस्थानों में उनका योगदान उल्लेखनीय है। वे भारत सरकार के साथ निवेश और नीति निर्माण में भी सलाहकार की भूमिका निभाते थे।
Gopichand Hinduja: परिवार और उत्तराधिकार
गोपीचंद हिंदुजा की पत्नी, दो बेटे (संजय और धीरज) और एक बेटी (रितु) हैं। संजय और धीरज पहले से ही ग्रुप के विभिन्न डिविजनों का नेतृत्व कर रहे हैं। परिवार ने 2022 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें सभी संपत्तियां संयुक्त रूप से परिवार के नाम पर रखी जाएंगी। गोपीचंद के निधन के बाद अब प्रकाश हिंदुजा और अगली पीढ़ी ग्रुप की कमान संभालेंगी।
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