Gold Price: सोने की कीमतें मंगलवार को एक बार फिर रिकॉर्ड हाई स्तर पर पहुंच गईं, जो बीते 14 वर्षों में सबसे मजबूत मासिक प्रदर्शन की ओर इशारा कर रही हैं। वैश्विक अस्थिरता, अमेरिकी सरकार के शटडाउन की आशंका और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में एक और कटौती की उम्मीदों ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर धकेल दिया है। सितंबर में सोने में 11.4 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई, जो अगस्त 2011 के बाद का सर्वश्रेष्ठ मासिक रिटर्न है। एक साल में सोना 40 प्रतिशत और चांदी 50 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दे चुकी है। एमसीएक्स पर सोने के दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 1.11 प्रतिशत उछलकर 1,17,632 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। चांदी भी ऑल-टाइम हाई पर पहुंची। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी तेजी का सिलसिला जारी है।
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Gold Price: एमसीएक्स पर रिकॉर्ड ब्रेकिंग कीमतें
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर मंगलवार सुबह 11:50 बजे सोने के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 1.11 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1,17,632 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। यह पिछले बंद भाव से 1,286 रुपये ऊपर है। इसी तरह, चांदी के दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट में 0.74 प्रतिशत की तेजी आई और कीमत 1,44,165 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। यह उछाल घरेलू बाजार में निवेशकों के उत्साह को दर्शाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्तर 2025 की शुरुआत से चली आ रही तेजी का परिणाम है, जब फरवरी में सोना 97,000 रुपये के आसपास था। अब यह 20 प्रतिशत से अधिक ऊपर है। चांदी की कीमतें भी 53 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ चमक रही हैं।
Gold Price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में वैश्विक तेजी
कॉमेक्स पर सोने की कीमत 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 3,896 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। चांदी 0.66 प्रतिशत ऊपर 47.32 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गई। यह 14 वर्षों का उच्चतम स्तर है, जहां चांदी की सालाना वृद्धि 50 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है। वैश्विक बाजार में सोने को ‘सुरक्षित हेवन’ का दर्जा मिला है, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की अनिश्चितता और ट्रंप की संभावित जीत के बाद। सितंबर में सोने का 11.4 प्रतिशत रिटर्न अगस्त 2011 के 15 प्रतिशत के रिकॉर्ड को पार करने की कगार पर है। चांदी की औद्योगिक मांग, जैसे सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहनों में, इस तेजी को बल दे रही है।
Gold Price: तेजी के प्रमुख कारण
सोने-चांदी की कीमतों में उछाल वैश्विक अस्थिरता का नतीजा है। अमेरिकी सरकार के शटडाउन की संभावना ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है, जो अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर डाल सकती है। इसके अलावा, फेडरल रिजर्व की ओर से एक और ब्याज दर कटौती की उम्मीद ने सोने को आकर्षक बना दिया। कम ब्याज दरें गैर-उत्पादक संपत्तियों जैसे सोने के लिए फायदेमंद होती हैं। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद टैरिफ नीतियां और वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका ने भी कीमतें बढ़ाईं। भारत में, रुपए की कमजोरी ने आयातित सोने को महंगा कर दिया। विशेषज्ञों के अनुसार, ये कारक आने वाले महीनों में कीमतों को ऊंचा रखेंगे।
विशेषज्ञों का पूर्वानुमान
बाजार जानकारों का मानना है कि सोने की स्थिति मजबूत बनी रहेगी। अगले कुछ दिनों में यह 1,13,500 से 1,16,500 रुपये की रेंज में रह सकता है। चांदी 1,40,000 रुपये के ऊपर टिक सकती है। एबीपी कोयकारा जैसे विश्लेषक कहते हैं, एमसीएक्स गोल्ड मजबूत अपट्रेंड में है, टारगेट 1,15,500-1,16,000। सप्ताह भर निवेशकों की नजर यूएस नॉन-फार्म पेरोल डेटा, एडीपी रोजगार रिपोर्ट और 1 अक्टूबर को आरबीआई की मौद्रिक नीति पर रहेगी। यदि आरबीआई दरें स्थिर रखती है, तो सोने में और तेजी आ सकती है। लंबी अवधि में, 2025 के अंत तक सोना 1,20,000 रुपये छू सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
बीते एक साल में सोने ने 40 प्रतिशत और चांदी ने 50 प्रतिशत रिटर्न दिया है, जो इक्विटी से बेहतर है। लेकिन अस्थिरता के बीच सतर्क रहें। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि 5-10 प्रतिशत पोर्टफोलियो सोने में रखें। डिजिटल गोल्ड या ईटीएफ विकल्प चुनें। चांदी के औद्योगिक उपयोग से इसकी मांग बढ़ेगी। करदाताओं को एसजीबी (सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड) पर नजर रखनी चाहिए, जहां अक्टूबर 2025 से प्रीमेच्योर रिडेम्पशन शुरू हो रहा है।सोने-चांदी की यह तेजी वैश्विक आर्थिक तनावों का आईना है, लेकिन निवेशकों के लिए अवसर भी। सावधानीपूर्वक निवेश से लाभ संभव है।
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