Tej Pratap Yadav: राजनीतिक हलकों और ऊर्जा विभाग दोनों में हलचल मच गई है, क्योंकि Tej Pratap Yadav पर आरोप है कि उन्होंने पटना के बेउर स्थित अपने निजी मकान का बिजली बिल तीन साल तक नहीं भरा। विभाग ने उनकी बकाया रक़म 3.56 लाख रुपये बताई है और कहा है कि अब बिल वसूल की कार्रवाई होगी।
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Tej Pratap Yadav: मामला क्या है
बिजली कनेक्शन 7 जुलाई 2012 में लिया गया था, कंज्यूमर आईडी 010204475009 दर्ज है।उनका आखिरी भुगतान 20 जुलाई 2022 में हुआ था — उस समय उन्होंने 1,04,799 रुपये चुकाए थे। उस दिन के बाद से कोई बिल जमा नहीं हुआ। इसके परिणामस्वरूप, तीन साल का बकाया जुड़कर करीब 3,56,000 रुपये हो गया। बावजूद इसके, बिजली कनेक्शन अभी चालू है, जिससे विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
Tej Pratap Yadav: विभाग ने तुरंत रिकवरी का ऐलान किया
बिहार की बिजली वितरण कंपनी South Bihar Power Distribution Company Limited (SBPDCL) के महाप्रबंधक अरविंद कुमार ने स्पष्ट किया है कि विभाग किसी को विशेष छूट नहीं देता। उन्होंने कहा है कि बकाया बिल चुकाए बिना किसी को रियायत नहीं दी जाएगी। सभी अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता और कनिष्ठ अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे बकाया बिलों की सूची तैयार करें और जल्द से जल्द वसूली सुनिश्चित करें।
विभाग का यह रवैया इस बात को रेखांकित करता है कि बिजली बिलों के मामले में सभी उपभोक्ताओं को समान नियमों के अंतर्गत लाया जाएगा, चाहे वह कोई जनता नेता हो या आम नागरिक।
Tej Pratap Yadav: लोगों में नाराज़गी, सवाल खड़े
यह मामला इसलिए भी सुर्खियों में आया है क्योंकि आम नागरिकों के लिए एक माह की बकाया राशि भी बिजली कटौती या जुर्माना का कारण बन जाती है, लेकिन तेज प्रताप यादव जैसे व्यक्ति तीन साल तक बकाया रखने के बावजूद बिना किसी कार्रवाई के थे। इसके बाद से ही लोग विभागीय जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं। साथ ही, बिहार में कई उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर सिस्टम के कारण नियमित बिलिंग और कनेक्शन कटौती की शिकायत की है।
Tej Pratap Yadav: अब आगे क्या हो सकता है
विभाग ने साफ कहा है कि इस बकाया राशि की पूर्ण वसूली की जाएगी। यदि भुगतान नहीं हुआ तो कनेक्शन कटौती या कानूनी कार्रवाई भी संभावित है। वहीं, प्रदेश और देश में बिजली बिलों की वसूली, मीटरिंग सुधार, और वितरण कंपनियों की जवाबदेही को लेकर नई बहस शुरू हो चुकी है। उदाहरण के लिए, जितना कम बिजली उपयोग होगा, उतना ही बिल- यह सुनिश्चित करने के लिए कई राज्यों में मीटरिंग सुधार हो रही है।
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