Death by Drowning: बिहार में बुधवार, 3 सितंबर 2025 को करमा एकादशी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा था, लेकिन मुंगेर और नवादा जिले में यह उत्सव मातम में बदल गया। करमा पूजा के लिए स्नान करने गए सात लोगों की गहरे पानी में डूबने से मौत हो गई। इनमें दो अलग-अलग घटनाओं में दो परिवारों के सदस्य शामिल हैं। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने शवों को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, लेकिन इन हादसों ने दोनों जिलों के गांवों में शोक की लहर दौड़ा दी है।
Table of Contents
Death by drowning: मुंगेर में गंगा स्नान के दौरान हादसा
मुंगेर जिले के बरियारपुर प्रखंड अंतर्गत झौआ बहियार गांव के पासवान टोला में करमा एकादशी के अवसर पर गंगा स्नान के दौरान एक ही परिवार के तीन लोगों की डूबने से मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, मणिकांत पासवान का परिवार भाई-बहन के पवित्र त्योहार करमा के लिए गंगा नदी में स्नान करने गया था। परिवार के चार सदस्य – मणिकांत की पत्नी लक्ष्मी देवी, उनके पुत्र निशीकांत कुमार, उनकी भतीजी प्रिया, और एक अन्य सदस्य – स्नान के लिए नदी में उतरे।
Death by drowning: परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल
घटना के दौरान एक बच्ची गहरे पानी में डूबने लगी। उसे बचाने के प्रयास में लक्ष्मी देवी और निशीकांत कुमार भी गहरे पानी में चले गए। गहराई का अंदाजा न होने के कारण तीनों डूब गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से शवों को नदी से बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए मुंगेर के सदर अस्पताल भेजा गया। इस हादसे ने पासवान टोला में मातम का माहौल बना दिया है। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है, और गांव में शोक की लहर है।
Death by drowning: नवादा में तालाब में डूबने से चार की मौत
दूसरी दुखद घटना नवादा जिले के पकरीबरावां प्रखंड अंतर्गत दत्तरौल गांव में हुई। यहां करमा पूजा के लिए गांव के कला तालाब में स्नान करने गए एक ही परिवार के चार लोगों की गहरे पानी में डूबने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान कृष्णा पासवान की बेटियों पूजा कुमारी और अंबिका कुमारी, उनके चाचा की बहू ज्योति देवी, और ज्योति की बेटी खुशी कुमारी के रूप में हुई है।
ग्रामीणों के अनुसार, कृष्णा पासवान का परिवार करमा पूजा की तैयारियों के तहत तालाब में स्नान करने गया था। इस दौरान चार लोग तालाब के गहरे हिस्से में चले गए। गहराई का अंदाजा न होने के कारण वे डूब गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन तब तक चारों की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने शवों को तालाब से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए नवादा सदर अस्पताल भेजा। इस घटना के बाद दत्तरौल गांव में मातम छा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि करमा पूजा की खुशी अब शोक में बदल गई है।
करमा एकादशी और सुरक्षा की कमी
करमा एकादशी बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन लोग नदियों, तालाबों और जलाशयों में स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं। हालांकि, इन हादसों ने जलाशयों के पास सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि गहरे पानी वाले स्थानों पर चेतावनी बोर्ड, बचाव उपकरण, और प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती जरूरी है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मुंगेर और नवादा के जिला प्रशासन ने दोनों घटनाओं की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में गहराई का अंदाजा न होना और बचाव व्यवस्था की कमी हादसों का मुख्य कारण रही। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नदियों और तालाबों के पास सुरक्षा उपायों को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें:-
दिवाली से पहले आम जनता को बड़ी राहत! घी, पनीर से लेकर कार-बाइक्स तक सब सस्ता? ये रही पूरी लिस्ट
