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Thursday, July 31, 2025
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बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़ी सफलता, 91.69% फॉर्म जमा; 1 अगस्त से आपत्ति का मौका

Bihar Elections: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के तहत चल रहे विशेष मतदाता पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान के पहले चरण में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। राज्य के 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 7.24 करोड़, यानी 91.69 प्रतिशत लोगों ने अपने गणना फॉर्म जमा कर दिए हैं। आयोग ने इस उपलब्धि को प्रशासनिक दक्षता और राजनीतिक सहभागिता का परिणाम बताया है। बिहार में एसआईआर का पहला चरण चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और समावेशिता की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

Bihar Elections: मृत और डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान

चुनाव आयोग ने बताया कि अब तक 22 लाख मतदाता (2.83%) मृत घोषित किए गए हैं। वहीं, 36 लाख (4.59%) मतदाता या तो स्थायी रूप से अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके हैं या फिर संपर्क में नहीं आ सके। इसके अतिरिक्त, 7 लाख (0.89%) मतदाताओं के नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज पाए गए हैं। इन मामलों की अंतिम स्थिति 1 अगस्त 2025 तक स्पष्ट हो जाएगी, जब इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) और सहायक ERO द्वारा जमा फॉर्मों की जांच पूरी कर ली जाएगी। आयोग का कहना है कि एक से अधिक जगह पंजीकृत मतदाताओं का नाम केवल एक स्थान पर ही बनाए रखा जाएगा।

Bihar Elections: 1 अगस्त से शुरू होगा दावा-आपत्ति का चरण

चुनाव आयोग ने बताया कि 1 अगस्त को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल (प्रारूप मतदाता सूची) प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक सभी मतदाता और राजनीतिक दल अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। इस दौरान छूटे हुए नामों को सूची में जोड़ा जाएगा और गलत प्रविष्टियों को हटाया जाएगा।

राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी

एसआईआर के पहले चरण में राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी को भी अहम माना जा रहा है। खास बात यह रही कि विपक्षी दलों ने सबसे अधिक बूथ लेवल एजेंट (BLA) तैनात किए।

  • कांग्रेस के बीएलए की संख्या में 105% वृद्धि हुई
  • सीपीएम में 1083% और
  • सीपीआई (माले) में 542% की उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई
  • बसपा में 185%,
  • भाजपा में 3%,
  • राजद में 1%,
  • जदयू में 31%, और
  • रालोजपा में 27% की वृद्धि हुई।

चुनाव आयोग के अनुसार, 1.60 लाख से अधिक बीएलए की नियुक्ति ने मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया को जमीनी स्तर तक पारदर्शी और व्यापक बनाया।

प्रशासनिक मशीनरी की बड़ी भूमिका

इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय चुनाव आयोग ने अपनी प्रशासनिक मशीनरी और सहयोगी संस्थाओं को दिया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी, 38 जिलों के डीईओ, 243 ईआरओ, 2,976 एईआरओ 77,895 मतदान केंद्रों पर तैनात बीएलओ लाखों स्वयंसेवक और 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्ष इन सभी की संयुक्त भूमिका से एसआईआर अभियान को गति और विश्वसनीयता मिली।

राजनीतिक दलों को मिली सूची

ईसीआई ने 20 जुलाई 2025 तक सभी पंजीकृत राजनीतिक दलों को उन मतदाताओं की बूथ-स्तरीय सूची उपलब्ध करा दी है, जिन्हें मृत घोषित किया गया, जिनके फॉर्म में त्रुटियां थीं, या जो स्थानांतरित हो गए हैं। इससे दलों को अपने स्तर पर भी समीक्षा और आपत्ति दाखिल करने में सहूलियत होगी।

आगामी चरणों की तैयारी

आयोग का लक्ष्य है कि सितंबर 2025 के अंत तक फाइनल मतदाता सूची तैयार कर ली जाए, ताकि अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनावों के लिए आधारभूत तैयारी पूरी की जा सके। आयोग ने सभी मतदाताओं और राजनीतिक दलों से अपील की है कि 1 अगस्त से शुरू हो रहे दावा-आपत्ति दौर में सक्रिय सहभागिता करें और लोकतंत्र को सशक्त बनाएं।

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