Bihar Elections: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच चुनाव आयोग ने शुक्रवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के बाद पहला ड्राफ्ट जारी कर दिया। इस ड्राफ्ट लिस्ट में कुल 65.64 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। इन नामों को मृत, स्थानांतरित या अपात्र मानते हुए हटा दिया गया है। राज्य के 38 जिलों और 243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए तैयार की गई इस सूची को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा किया गया है। बिहार के कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से अब 7.24 करोड़ मतदाता ही ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल हैं।
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Bihar Elections: पटना, मधुबनी और पूर्वी चंपारण में सबसे ज्यादा नाम कटे
ड्राफ्ट लिस्ट के अनुसार, पटना जिला इस बार सबसे अधिक नाम कटने वाला जिला बना है। पुनरीक्षण से पहले जिले में कुल 50,47,194 मतदाता दर्ज थे, लेकिन अब केवल 46,51,694 मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट लिस्ट में हैं। यानी 3,95,500 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।
इसी तरह, मधुबनी में कुल 33,76,790 मतदाता थे, जिनमें से 3,52,545 नाम हटा दिए गए और अब केवल 30,24,245 वोटर बचे हैं। पूर्वी चंपारण में 36,89,848 मतदाता थे, जिनमें से 3,16,793 नाम ड्राफ्ट से बाहर कर दिए गए हैं और अब 33,73,055 मतदाता शेष हैं।
Bihar Elections: क्यों हटे इतने नाम? जानिए पीछे की वजह
चुनाव आयोग ने जिन वोटरों के नाम हटाए हैं, उनके पीछे तीन प्रमुख कारण बताए हैं:
- मृत मतदाता: करीब 22.34 लाख (2.83%)
- स्थायी रूप से स्थानांतरित/अनुपस्थित: लगभग 36.28 लाख (4.59%)
- पहले से नामांकित या दोहराव वाले वोटर: लगभग 7.01 लाख (0.89%)
यह कदम राज्य में शुद्ध और त्रुटिरहित वोटर लिस्ट तैयार करने की दिशा में उठाया गया है। चुनाव आयोग का मानना है कि इससे मतदाता सूची की पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी वोटिंग की संभावना कम होगी।
Bihar Elections: 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावा-आपत्ति की प्रक्रिया
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक सभी मतदाता या मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल ड्राफ्ट मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या सुधार कराने के लिए दावा और आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए राज्य के 243 निर्वाचक निबंधन अधिकारी (ERO) और संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी सहयोग करेंगे। आयोग इस अवधि में प्रत्येक मतदान केंद्र पर जनता की भागीदारी सुनिश्चित करेगा।
90 हजार से ज्यादा बूथों की जानकारी साझा
राज्य के 90,817 मतदान केंद्रों की अद्यतन जानकारी भी इस ड्राफ्ट के साथ साझा की गई है। हर बूथ पर यह ड्राफ्ट उपलब्ध रहेगा और ऑनलाइन भी इसे देखा जा सकता है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि अंतिम मतदाता सूची 2025 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रकाशित की जाएगी।
क्या करें अगर नाम लिस्ट में नहीं है?
अगर किसी eligible नागरिक का नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है, तो वह निम्नलिखित तरीकों से दावा या आपत्ति दर्ज कर सकता है:
- फॉर्म-6: नाम जोड़ने के लिए
- फॉर्म-7: नाम हटवाने के लिए
- फॉर्म-8: जानकारी सुधार के लिए
ये फॉर्म राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (NVSP) पर ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं।
बिहार में वोटर लिस्ट की शुद्धता को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। लाखों अपात्र और मृत वोटरों के नाम हटाने से चुनावी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी। जनता को चाहिए कि वे समय रहते अपने नाम की जांच कर लें और किसी भी त्रुटि को सुधारने के लिए उचित कदम उठाएं।
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