Bihar Crime: बिहार की राजधानी पटना से सटे मनेर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया है। एक साधारण चाय की दुकान की आड़ में नशीले पदार्थों का अवैध कारोबार चल रहा था। गुप्त सूचना पर दानापुर एसडीपीओ के नेतृत्व में छापेमारी कर पुलिस ने भारी मात्रा में ड्रग्स, नकदी, जेवरात और हथियार बरामद किए। इस कार्रवाई में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें पूरा परिवार शामिल है।
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Bihar Crime: छापेमारी में मिली ड्रग्स और संपत्ति की भयावहता
पुलिस ने आरोपी चाय दुकान मालिक के घर से 545 ग्राम स्मैक और 558 ग्राम चरस बरामद की। इसके अलावा करीब 12 लाख रुपये नकद, सोने-चांदी के जेवरात जब्त किए गए। चौंकाने वाली बात यह कि सुरक्षा के लिए हथियार भी रखे गए थे—एक देसी कट्टा, तीन जिंदा कारतूस और एक पिस्टल की मैगजीन मिली। पुलिस का कहना है कि यह सब अवैध ड्रग्स कारोबार से कमाई गई संपत्ति है। आरोपी परिवार एक नया मकान भी बना रहा था, जो इस धंधे की कमाई से फंडेड था।
Bihar Crime: नेपाल से बिहार तक, युवाओं को बनाया निशाना
जांच में पता चला कि यह रैकेट नेपाल तक फैला हुआ है। आरोपी बाहर से नशीला पदार्थ मंगवाते थे, उसे छोटी-छोटी पुड़ियों में पैक करते और बेचते थे। घर से ही सप्लाई का काम होता था। पूरा परिवार इस अवैध धंधे में शामिल था। गिरोह का मुख्य निशाना युवा पीढ़ी थी, जिसे नशे की लत में फंसाकर मुनाफा कमाया जाता था। आरोपी बिहार के कई जिलों और अन्य राज्यों से भी जुड़े हुए थे। सरगना की निगरानी में धंधा चलता था।
Bihar Crime: पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया, “मनेर थाना को सूचना मिली थी कि चाय की दुकान की आड़ में नशा और हथियार का कारोबार हो रहा है। टीम ने छापेमारी की और बड़ा खुलासा किया। ड्रग्स के खिलाफ हमारी मुहिम जारी है। नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान हो रही है, जल्द और गिरफ्तारियां होंगी।” पुलिस अब जब्त संपत्ति को भी कुर्क करने की तैयारी कर रही है।
Bihar Crime: बिहार में ड्रग्स तस्करी की बढ़ती चुनौती
यह मामला बिहार में ड्रग्स तस्करी की गंभीर समस्या को उजागर करता है। नेपाल बॉर्डर से सटे होने के कारण ऐसे रैकेट आसानी से फल-फूल रहे हैं। चाय की दुकान जैसे सामान्य व्यवसाय की आड़ में चल रहा यह धंधा पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं में नशे की बढ़ती लत से समाज को भारी नुकसान हो रहा है। सरकार और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है। यह सफलता पटना पुलिस की सतर्कता का प्रमाण है, लेकिन जड़ से खात्मे के लिए लंबी लड़ाई बाकी है।
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