Vastu tips: समय के साथ कई चीजें बदल गई हैं। उदाहरण के लिए आप एक घर के दरवाजे को ही देख ले। आजकल लोग अपने घरों में आधुनिक दरवाजे लगवाते हैं। लोग अपने घरों की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए सुंदर दरवाजे लगाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर के दरवाजे भी हमारे जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालते है? इसलिए घर के मुख्य दरवाजे को लगवाने से पहले खास ध्यान रखना चाहिए।
हिंदू धर्म में वास्तुशास्त्र का बहुत महत्व है। वास्तु शास्त्र कहता है कि हर वस्तु को एक निश्चित दिशा में रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, जो खुशहाली लाती है।इसलिए दरवाजे लगवाते समय कुछ वास्तु नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। आइए जानें घर के दरवाजे के लिए क्या कहता है वास्तु शास्त्र।
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रखें इन चीजों का ध्यान:
ऐसा माना जाता है कि माँ लक्ष्मी घर में मुख्य द्वार से ही प्रवेश करती हैं। इसलिए घर के मुख्य दरवाजे को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। मुख्य द्वार पर गंदा पानी जमा ना होने दे। वास्तुशास्त्र कहता है कि मुख्य द्वार के पास कूड़ेदान या जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए। हिंदू धर्म में झाड़ू का भी बड़ा महत्व है। ऐसे में झाड़ू को मुख्य द्वार पर कभी भी नहीं रखना चाहिए।
मुख्य द्वार पर बिजली के खंभे, तार भी नहीं होने चाहिए। इसे वास्तु शास्त्र में शुभ नहीं माना जाता है। मुख्य द्वार पर कांटेदार पौधे नहीं रखने चाहिए , क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार ये पौधे आपके रिश्तों को बिगाड़ सकते हैं। अगर आप मुख्य द्वार की साफ-सफाई का ध्यान रखते है तो घर में सुख-संपन्नता बनी रहती है।
ऐसा होना चाहिए घर का मुख्य दरवाजा:
आजकल घरों में सिंगल दरवाजे का चलन है। परन्तु वास्तु शास्त्र कहता है कि घर के मुख्य द्वार पर हमेशा दो पत्ती वाले दरवाजे लगाने चाहिए। पुराने समय में भी लोग हमेशा दो पत्ती वाले दरवाजे लगवाते थे। ऐसा माना जाता है कि दो पत्ती वाले दरवाजे शुभ होते हैं | इन्हें घर के द्वार पर लगाने से घर से तनाव दूर होता है और घर के सदस्यों के बीच अच्छे संबंध बनते है |
खिड़की के साथ न लगाएं दरवाजा:
आजकल लोग कई तरह के आधुनिक डिज़ाइन वाले दरवाजे लगाना पसंद करते हैं। बहुत से आधुनिक डिज़ाइन वाले दरवाजे ऐसे भी हैं जो खिड़कियों की तरह दिखाई देते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसे दरवाजे घर में लगाने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए मुख्य द्वार पर खिड़कियों वाले दरवाजे नहीं लगाने चाहिए।
छोटा नहीं होना चाहिए मुख्य द्वार:
हमारे घर में अलग-अलग साइज के दरवाजे होते हैं, लेकिन कोशिश करें कि घर का मुख्य दरवाजा बड़ा हो। इसका मतलब यह है कि घर के बाकी दरवाजे छोटे हो सकते हैं, लेकिन घर का मुख्य द्वार छोटा नहीं होना चाहिए। घर का मुख्य दरवाजा घर के अन्य दरवाजों से बड़ा होना चाहिए।
साथ ही बहुत से लोग बाहर की ओर खुलने वाले दरवाजे लगाते हैं, लेकिन ऐसे दरवाजे कई वास्तु दोषों को जन्म दे सकते हैं। इससे आपके घर की सकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है और आपको सफलता नहीं मिलती। यही कारण है कि घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनाए रखने के लिए घर का दरवाजा हमेशा घर के अंदर की तरफ खुलता हुआ होना चाहिए ।
मुख्य द्वार पर करें रोज जल का छिड़काव:
वास्तुशास्त्र के अनुसार, मुख्य द्वार पर हर दिन जल छिड़कने से भाग्य में वृद्धि होती है। ऐसा माना जाता है कि मुख्य द्वार पर जल छिड़कने से घर में बुरी और नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं कर पाती हैं। यह घर के लिए एक कवच की तरह कार्य करता है।
सुबह उठकर, अपनी अंजुली में साफ पानी लेकर घड़ी की दिशा मैं हाथ को घूमते हुए जल को मुख्य द्वार पर छिड़क दें। इसके बाद दरवाजे के दोनों ओर पानी डालें ,और फिर बचा हुआ जल ,जमीन पर डाल दें ,इसके बाद उसे सूखने दे ।