Somvati Amavasya: हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रति माह अमावस्या तिथि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन आती है। चैत्र माह की अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष 08 अप्रैल, को चैत्र की सोमवती अमावस्या है। बता दें कि 8 अप्रैल को सोमवती अमावस्या सुबह 3 बजे 11 मिनट से शुरू होकर रात 11 बजे 50 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है।
अमावस्या तिथि को कालसर्प दोष से छुटकारा पाने और पितरों की पूजा करने के लिए शुभ मानते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवती अमावस्या के दिन अपने पितरों को शांत करने का उपाय करने से आपको उनका आशीर्वाद मिलता है और आप जीवन में सफलता मिलती है। आइए इस वर्ष आने वाली सोमवती अमावस्या के स्नान और दान के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानते हैं | साथ ही उन उपायों के बारे में भी जानते हैं जिनसे हमारे पितृ प्रसन्न होते हैं |
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Somvati Amavasya 2024 का शुभ मुहूर्त:
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या 08 अप्रैल को सुबह 03 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और रात 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए 8 अप्रैल को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन सुबह चार बजे ३२ मिनट से पांच बजे १८ मिनट तक आप स्नान और दान कर सकते हैं।
सोमवती अमावस्या पूजा विधि:
सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दिन की शुरुआत करें। इसके बाद पानी में गंगाजल को मिलाकर स्नान करें। इसके बाद सूर्य देव को जल दें। तत्पश्चात भगवान शिव और माता पार्वती की का ध्यान करें और भगवान को फल, फूल, भांग, धतूरा और बेलपत्र अर्पित करें | अब दीपक जलाकर शिव का स्त्रोत और चालीसा पढ़े। फिर सच्चे मन से आरती करके भगवान से शांति, सुख और समृद्धि की कामना करें। अंत में सभी में प्रसाद बाँट दें |
सोमवती अमावस्या उपाय:
ऐसा माना जाता है कि सोमवती अमावस्या के दिन शाम को घर के बाहर दक्षिण दिशा में तेल का दीपक जलाने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं। जिससे घर के सभी लोगों को पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान इस दिन शिव और मां पार्वती की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं | यह भी कहा जाता हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिनों द्वारा व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से अनन्त सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है।
हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति पर पितृ दोष का प्रकोप है तो उसे सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए | ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ दोष का प्रभाव कम हो जाता हैं | यदि आप किसी नदी में नहाने में असमर्थ हैं तो आप अपने घर में ही जल में गंगाजल मिलकर उससे स्नान कर सकते हैं |
साथ ही काले तिलों का दान भी बेहद शुभ माना जाता है| मान्यता है कि इससे भी पितृ दोष दूर होते हैं और आप पर उनकी कृपा बनी रहती है। जिससे आप अपने जीवन में तरक्की करते हैं। पैसों की परेशानी को दूर करने के लिए सोमवती अमावस्या पर दूध और चावल के दान का भी विशेष महत्व माना जाता हैं |
माना जाता है कि केला, बरगद, पीपल और तुलसी में देवताओं का वास होता है| इसलिए शास्त्रों में सोमवती अमावस्या के दिन इन वृक्षों को लगाना शुभ माना गया है| ऐसे में अगर आप सोमवती अमावस्या के दिन ये वेड़ अपने घर में लगाएंगे तो आपका कल्याण होगा।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं| Bynewsindia.com इसकी पुष्टि नहीं करता है| किसी भी उपाय को करने से पहले ज्योतिष या एक्सपर्ट की सलाह ले |