Rahu ketu upay: वैदिक ज्योतिष के मुताबिक व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु ग्रहों को छाया ग्रह माना गया है। ऐसे में जिस किसी की कुंडली में इन दोनों ग्रहों की स्थिति सही नहीं होती उसे व्यक्ति को जीवन में कदम-कदम पर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ये ग्रह व्यक्ति की बुद्धि पर ऐसा प्रभाव डालते हैं कि उसके सही निर्णय लेने की क्षमता भी नष्ट हो जाती है। जिससे उस इंसान के साथ उसका पूरा परिवार मुश्किल में पड़ सकता है। ऐसे में किसी भी मानसिक तनाव से बचने के लिए कुंडली में राहु-केतु दोनों ग्रहों का अशुभ प्रभाव को दूर करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप ज्योतिष शास्त्र में बताए गए इन उपायों को अपना सकते हैं…
राहु-केतु दोष निवारण उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस किसी की कुंडली में राहु-केतु की दशा खराब है उसे हर गुरुवार के दिन कन्याओं को हलवा-पूरी खिलाना चाहिए। छोटी कन्याओं को भोजन कराने के बाद उनका आशीर्वाद अवश्य लें।
राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए अपने घर में शेषनाग पर नृत्य करते हुए भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर लगाना भी फलदायी माना गया है। जातक को भगवान श्रीकृष्ण की रोजाना पूजा करनी चाहिए। साथ ही पूजा के दौरान 21 बार “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करें।
अगर लगातार आपके कार्यों में अड़चनें आ रही हैं तो सोमवार के दिन शिव मंदिर जाकर या घर पर ही भोलेनाथ को गंगाजल, बेलपत्र और काले तिल अर्पित करें। पूजन के बाद भगवान शिव के सामने बैठकर “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना भी आपके जीवन के कष्टों को दूर करने में मदद करता है।
यदि आपकी कुंडली में राहु-केतु अशुभ प्रभाव दे रहे हैं, तो किसी पंडित या विद्वान से पूछकर सोने की अंगूठी धारण करें। अपने बाएं हाथ की कनिष्ठा अंगुली में सोने का छल्ला पहनने और चने की दाल बहते पानी में प्रवाहित करने से भी लाभ होता है।
राहु ग्रह को शांत करने के लिए ज्योतिष अनुसार राहू के बीज मंत्र “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:” का 108 बार जाप करें। इसके अलावा रोजाना दुर्गा चालीसा का पाठ करने और पक्षियों को बाजरा खिलाने से भी अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।