LokSabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे हैं। अब कांग्रेस को एक और झटका लगा है। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया है। गौरव वल्लभ ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने अपनी पोस्ट में इस्तीफा देने का कारण भी बताया।
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद आज गौरव वल्लभ ने बीजेपी जॉइन कर ली है। दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने गौरव वल्लभ को पार्टी की सदस्यता दिलाई। गौरव वल्लभ के साथ बिहार से कांग्रेस नेता अनिल शर्मा और आरजेडी से उपेन्द्र प्रसाद ने भी बीजेपी जॉइन की है। बता दें कि सोशल मीडिया पोस्ट में गौरव वल्लभ ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने का कारण भी बताया। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी छोड़ते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र भी लिखा।
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उदयपुर और जमशेदपुर से लड़ चुके हैं चुनाव:
बता दें कि राजस्थान के उदयपुर और झारखंड के जमशेदपुर से गौरव वल्लभ विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि इन दोनों ही जगह चुनावों में गौरव वल्लभ को हार का सामना करना पड़ा था। बता दें कि पेशे से गौरव वल्लभ चार्टर्ड अकाउंटेंट और इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर भी रहे हैं। बता दें कि बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के साथ गौरव वल्लभ की एक डिबेट काफी वायरल हुई थी।
गौरव वल्लभ ने खरगे को लिखा पत्र:
पार्टी से इस्तीफा देते हुए गौरव वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन को पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि वह भावुक हैं और मन बहुत व्यथित हो रहा है। साथ ही वल्लभ ने लिखा कि वह बहुत कुछ कहना और बताना चाहते हैं लेकिन उनके संस्कार ऐसे नहीं है कि किसी को भी उनकी बातों ये कष्ट पहुंचे।
आगे उन्होंने लिखा कि इसके बावजूद वह कांग्रेस अध्यक्ष के सामने अपनी बात रख रहे हैं। वल्लभ ने पत्र में लिखा कि लेकिन सच छिपाना भी एक अपराध है और वह ये अपराध नहीं करना चाहते।
सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता:
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में कहा कि आज कांग्रेस पार्टी जिस दिशा में आगे बढ़ रही है, वह उसमें खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। वल्लभ का कहना है कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते और ना ही देश के वेल्थ क्रिएटर्स को सुबह—शाम गाली दे सकते हैं। गौरव वल्लभ ने बताया कि इन्हीं कारणों की वजह से वह पार्टी के सभी पदों से अपना इस्तीफा दे रहे हैं।
कांग्रेस में युवाओं की कद्र नहीं:
गौरव वल्लभ ने कहा कि जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी तो उनको लगता था कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस है और इसमें युवाओं और बौद्धिक लोगोंं के आइडिया की कद्र होती है। आगे उन्होंने कहा कि लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उन्हें महसूस हुआ यहां युवाओंं और उनके आइडिया की कोई कद्र नहीं है।
कांग्रेस पार्टी नए भारत की आकांक्षा को समझ नहीं पा रही है। इसी वजह से वह विपक्ष में मजबूत स्थित नहीं निभा पा रही है। इसी वजह से कार्यकर्ता भी हतोत्साहित हो रहे हैं। कार्यकर्ता और पार्टी के बड़े नेताओं के बीच दूरी है, जिसे पाटना बहुत मुश्किल है। यहां कार्यकर्ता अपने नेताओं को डायरेक्ट कोई सुझाव नहीं दे सकते।
मैं जन्म से हिंदू हूं, सनातन का विरोध नहीं कर सकता:
गौरव वल्लभ ने आगे कहा कि जिस तरह से कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर स्टैंड लिया उससे वह बहुत क्षुब्ध हैं। गौरव वल्लभ ने कहा कि वह जन्म से हिंदू हैं और कर्म से शिक्षक हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता सनातन के विरोध में बोलते हैं। उस पर पार्टी चुप रहती है। कांग्रेस पार्टी इन दिनों गलत दिशा में आगे बढ़ रही है। कांग्रेस की जो कार्यशैली जनता के बीच है वह एक विशेष धर्म के प्रति लोगों को भ्रामक संदेश दे रही है।
