Essential Price Rise: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लोगों को महंगाई का झटका लगा है। पेनकिलर, एंटीबायोटिक्स और संक्रमण रोधी दवाओं सहित कई जरूरी दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी होने वाली है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने कहा कि आवश्यक दवाओं की कीमतों में मामूली वृद्धि होगी। इसमें एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक पेरासिटामोल, एज़िथ्रोमाइसिन, विटामिन, खनिज, कोविड-19 से निपटने के लिए कुछ दवाएं और स्टेरॉयड जैसी दवाएं शामिल हैं। नई कीमते एक अप्रैल से लागू की जाएगी।
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एक अप्रैल से महंगी होगी दवाइयां
राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने एक नोटिस जारी कर इसकी जानकारी दी है। एनपीपीए के नोटिस के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में सालाना बदलाव के अनुसार केंद्र सरकार ने आवश्यक दवाओं की नेशनल लिस्ट के तहत दवाओं की कीमतों में 0.0055 प्रतिशत की वृद्धि के लिए हरी झंडी दी है। एक अप्रैल से आवश्यक दवाइयां महंगी हो जाएगी। इंडस्ट्री का कहना है कि इनपुट लागत बढ़ने से इसकी कीमत बढ़ाना जरूरी हो गया है।
जानिए कितनी होगी बढ़ोतरी
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग के आर्थिक सलाहकार के कार्यालय के अनुसार डब्ल्यूपीआई डेटा के आधार पर वार्षिक परिवर्तन इसी अवधि की तुलना में कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान (+) 0.00551 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। बीते साल दवा की कीमतों में 12 फीसदी और 2022 में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद अब यह वृद्धि हुई है।
1 अप्रैल से 800 दवाइयां होगी महंगी
नई कीमतों में लिस्ट में 800 से अधिक दवाइयों के नाम शाामिल है। एक अप्रैल से महंगी होने वाली जरूरी दवाओं में पैरासीटामॉल, एंजीथ्रोमाइसिन जो बैक्टीरियल इंफेक्शन का नाम है। इनके अलावा एंटीएनेमिया दवाएं, विटामिन्स, एस्टेरॉयड्स और मिनरल्स की कीमत बढ़ाई की गई है। कुछ दवाएं ऐसी भी हैं जो कोविड के उपचार में काम आती है। एक एनजीओ से जुड़े एक कार्यकारी ने कहा कि यह एक अच्छा कदम होगा।